रांची : आदिवासियों की विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक संगठनों की बैठक सोमवार को तेतर टोली मोराबादी में धर्मगुरु बंधन तिग्गा की अध्यक्षता में संपन्न हुई.
इस बैठक में 29 जुलाई 2020 को हुए महापंचायत की समीक्षा की गई,. समीक्षा उपरांत यह माना गया कि महापंचायत अपने निर्धारित उद्देश्यों में सफल हुई. इस बैठक में यह भी तय हुआ कि आगामी वर्ष फरवरी महीना के 27 और 28 फरवरी 2021 को क्रमशः आदिवासी सरना धर्म संसद एवं आदिवासी धर्म संस्कृति सरना रक्षा महारैली का आयोजन होगा. इसमें राज्य ही नहीं संपूर्ण देश के आदिवासी प्रतिनिधि बड़ी संख्या में भाग लेंगे.
उक्त महारैली में संपूर्ण भारत वर्ष में दूसरे धर्मों का जो आक्रमण हो रहा है उनका प्रतिरोध होगा. झारखंड में विश्व हिंदू परिषद के द्वारा सरना धर्म संस्कृति एवं परंपरा का आधार स्तंभ पवित्र सरना स्थल से मिट्टी उठाने जैसा अनुचित कार्य हुआ इस पर अंतिम फैसला होगा. साथ ही सरना या आदि धर्म कोड जैसे मसले पर आर-पार लड़ाई की शंखनाद होगी.
इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया सभी सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों से आदिवासी धर्म संस्कृति रक्षा अभियान के रूप में क्रमबद्ध आंदोलन चलेगा उसमें सक्रियता के साथ भाग लें यह अपील की गई.
इस बैठक में राजी पाड़हा प्रार्थना सभा, आदिवासी संघर्ष मोर्चा, आदिवासी जन परिषद, केंद्रीय सरना समिति आदिवासी लोहरा समाज, जय आदिवासी केंद्रीय परिषद, झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा, आदिवासी सेना, आदिवासी छात्र संघ, केंद्रीय युवा सरना समिति, लोकत्रांतिक छात्र मोर्चा, आदिवासी भूमिज मुंडा समाज, बेदिया विकास परिषद सहित दर्जनों सामाजिक संगठन प्रतिनिधि शामिल थे. बैठक में डॉ करमा उरांव, प्रेमशाही मुंडा, शिवा कच्छप, अंतू तिर्की, संजय तिर्की, देवीदयाल मुंडा, कृष्णा मुंडा, मुन्ना टोप्पो जयंत टोप्पो, सहित अन्य शामिल हुए.