नई दिल्ली: बालाकोट एयरस्ट्राइक को आज एक साल पूरा हो गया है. इसपर पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि एक साल बीत चुका है और हम संतुष्टि के साथ पीछे मुड़कर देखते हैं. हमने बहुत कुछ सीखा है, बालाकोट के संचालन के बाद बहुत सारी चीजें लागू की गई हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हम संदेश देना चाहते थे कि हम ‘घुसकर मारेंगे’ चाहे आप कहीं भी हों. अन्यथा, हम उनपर अपने क्षेत्र से भी हमला कर सकते थे.
बीएस धनोआ ने कहा, मूल रूप से, यह हमारे ऑपरेशन करने के तरीके में एक बदलाव है. दूसरे पक्ष ने कभी नहीं माना कि हम पाकिस्तान के अंदर चल रहे एक आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर स्ट्राइक कर सकते हैं, जिसे हमने सफलतापूर्वक अंजाम दिया.
उन्होंने आगे कहा कि बालाकोट हवाई हमले के बाद, पूरे भारतीय चुनावों में कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ क्योंकि वे डर गए थे कि हम फिर से उसी तरीके से या उससे भी अधिक विनाशकारी तरीके से जवाब देंगे.
गर्जना के साथ पीओके के अंदर घुसे भारतीय लड़ाकू विमानों के हमले से यह इलाका थर्रा उठा था. भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में घुसकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था.
सेना के 40 जवानों की शहादत का बदला 12 मिराज लड़ाकू विमानों ने लिया था. भारतीय वायुसेना के सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि 26 फरवरी के तड़के भारतीय लड़ाकू विमान मिराज 2000 के एक समूह ने एसओसी पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी कैंप पर बमबारी की और उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया. आतंकी कैंप पर 1000 किलो के बम गिराए गए.