गुमला(सिसई): राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय प्रखण्ड मुख्यालय सिसई के मैट्रिक लिखने वाली एक छात्रा के भविष्य के साथ खिलवाड़ की गयी है. छात्रा मैट्रिक परीक्षा लिखने से वंचित हो गयी . रा. उत्क्रमित उच्च विद्यालय प्रखण्ड मुख्यालय सिसई की एक छात्रा मोनिका उरांव, जो दशम वर्ग की छात्रा है, बिरकेरा, रेड़वा गांव की रहने वाली है. इस छात्रा को मैट्रिक परीक्षा की एडमिट कार्ड नहीं मिला पाया है जिस कारण परीक्षा नहीं लिख सकेगी. सिर्फ विद्यालय के प्रधानाध्यापक के लापरवाही के कारण वो परीक्षा नहीं दे पायेगी.
छात्रा मोनिका उरांव ने बताया कि हमलोग सभी पांच साथी एक साथ मिलकर मैट्रिक परीक्षा की फार्म ओर शुल्क राशि प्रति छात्रा 570/- रु. की हिसाब से बिमला के पास जमा किये. दिसम्बर महीने में फार्म जमा किये हैं लेकिन जमा पैसे की रशीद भी नहीं दी गयी. और गुरुवार दिनांक 6/02/20 को मैट्रिक परीक्षा का एड्मिट कार्ड लेने विद्यालय गयी तो उन्होंने कहा कि एड्मिट कार्ड नहीं आया है. मेरे सभी साथियों का एड्मिट कार्ड मिल गया, लेकिन मेरा एड्मिट कार्ड नहीं मिला. उन्होंने कहा कि एड्मिट कार्ड के लिए जिला एवं बोर्ड ऑफिस पता कर रहे हैं कहीं छूट गया होगा.
पीड़ित छात्रा मोनिका उरांव ने बताया कि दिनांक 6/2/20 से दिनांक 10/02/20 तक विद्यालय एड्मिट कार्ड के लिए जाती रही. लेकिन आज तक नहीं मिल पाया. मेरे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया. गांव से विद्यालय की दूरी लगभग 11 किलोमीटर है, गांव से विद्यालय जाते आते थे. कहकर काफी रोने लगी.
छात्रा रो-रो कर हाल बेहाल है.
इसके सम्बद्ध में प्रभारी प्रधानाध्यापक बिमला बड़ाईक से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमारे पास मोनिक उरांव ने कोई फार्म जमा नहीं किया है, ना ही शुल्क राशि जमा की है. और कुछ भी जानकारी देने से सीधे इंकार कर गयी.
इसके सम्बंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक रजा अहमद से जब पूछा गया तो बताया कि मुझे इस तरह की मामले की जानकारी बिल्कुल नहीं हैं. मैट्रिक परीक्षा से सम्बंधित जिम्मेवारी बिमला को प्रभारी बनाया गया है, और कुछ भी बताने से सीधे इंकार कर गए.
छात्रा मोनिका उरांव की भविष्य की जिम्मेवारी कौन हैं. क्योंकि मैट्रिक परीक्षा का समय नजदीक आ गया है. आज तक मैट्रिक परीक्षा का एडमिट कार्ड नहीं मिला पाया. दिनांक 11 फरवरी 20 मंगलवार से परीक्षा शुभारंभ हो जाएगा. एड्मिट कार्ड नहीं मिलने से बच्ची रो-रो कर हाल बेहाल है. उसके परिजन माता-पिता भी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को दोष दे रहें हैं.
जिला परिषद अध्यक्ष किरण बाड़ा ने विद्यालय पहुंच कर, प्रभारी प्रधानाध्यापक बिमला बड़ाईक पर जम कर बरसे. उन्होंने कहा कि छात्रा मोनिका उरांव को किसी प्रकार से भी मैट्रिक परीक्षा दिलाने का प्रयास करें. जिससे उसकी आगे की पढ़ाई हो सके. और इस तरह की घटना भविष्य में भूल कर भी नहीं करें. क्योंकि विद्यालय के सभी विद्यार्थियों का जिम्मेवारी प्रधानाध्यापक के ऊपर रहती है.