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पीएम नरेंद्र मोदी ने शुरू किया गरीब कल्याण रोजगार अभियान
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झारखंड सहित 6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिन चलेगी योजना
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प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में चलाया जाएगा
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रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ स्थायी बुनियादी ढांचा होगा तैयार
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अभियान के तहत 50 हजार करोड़ के किये जाएंगे सार्वजनिक कार्य
रांची: झारखंड सहित देश के छह राज्योंं के प्रवासी मजदूरों को गांवों में ही काम मिलेगा. इसके लिए गरीब कल्यांण रोजगार अभियान की शुरुआत शनिवार को की गई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर ब्लॉआ के तेलिहार ग्राम से इसे लांच किया. झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और संबंधित मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री ने भी इस वर्चुअल लांच में भाग लिया.
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए 6 राज्यों के 116 जिलों के गांव सार्वजनिक सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़ें.
125 दिनों तक मिशन मोड में चलेगा-
125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में चलाया जाएगा. 50 हजार करोड़ रुपये के फंड से प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का तीव्र और केंद्रित होकर क्रियान्वयन होगा. इससे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा.
116 जिलों में चलेगा अभियान-
यह अभियान देश के 116 जिलों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों के लिए चलेगा. इसके लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा को चुना गया है. इन राज्यों द्वारा इच्छा जताने वाले 27 जिले भी इसमें शामिल हैं. इन जिलों से दो तिहाई प्रवासी श्रमिकों के लाभांवित होने का अनुमान है.
25 तरह के काम होंगे उपलब्ध-
इस अभियान के तहत सड़क, ग्रामीण आवास, बागवानी, पौधा रोपण, जल संरक्षण एवं सिंचाई, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन और जल जीवन मिशन जैसे 25 कार्य उपलब्ध होंगे.
यह अभियान ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि का एक समन्वित प्रयास है.
पीएम का कोट-
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कोरोना के इस संकट में देश ने प्रवासी कामगारों की संघर्ष शक्ति और संयम शक्ति को देखा है. अब उन्हें ताकतवर बनाने की दिशा में सरकार समग्र कदम उठा रही है. इससे गांव में रोजगार, स्वरोजगार से लेकर लघु उद्योगों तक विशाल संभावनाएं भी जुड़ी है.