अमेरिका: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने नवीनतम संस्मरण ‘ए प्रॉमिस लैंड’ में पाकिस्तान पर एक भी सकारात्मक नजरिया नहीं रखा है. इसके बजाय, ओबामा ने अफगानिस्तान, यमन और इराक जैसे देशों के साथ पाकिस्तान को रख दिया, जहां लाखों युवा धार्मिक कट्टरवाद से ‘त्रस्त’ हैं. पेंगुइन रैंडम हाउस के एक डिविजन द्वारा प्रकाशित, ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ दो नियोजित संस्करणों का पहला हिस्सा है. पुस्तक मंगलवार को दुनिया भर के बुक स्टोरों में पहुंच गई.
पुस्तक में अपने प्रेसीडेंसी के कुछ प्रमुख फैसलों के बारे में याद दिलाते हुए, ओबामा ने विस्तार से वर्णन किया कि उन्होंने क्या महसूस किया क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान जैसे सुरक्षित ठिकानों से आतंकवादियोंको बाहर निकालने के आदेश दिए थे. यमन और अफगानिस्तान, पाकिस्तान और इराक जैसी जगहों के बारे में ओबामा ने लिखा, “लाखों नौजवानों का जीवन हताशा, अज्ञानता, धार्मिक गौरव के सपने, अपने आसपास की हिंसा, या बुजुर्ग पुरुषों की व्यवस्था पद्धति, योजनाओ से त्रस्त है.”
यह तर्क देते हुए कि ये नौजवान खतरनाक और अक्सर जानबूझकर और संयोग से क्रूर हैं, ओबामा ने अपनी पुस्तक में सहानुभूतिपूर्वक लिखा है कि वह अभी भी चाहते हैं कि किसी तरह उन्हें बचाएं-उन्हें स्कूल भेजें, उन्हें एक व्यापार दें, उन्हें नफरत से निकाल दें. ओबामा ने अपने पूर्ववर्तियों को आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने के लिए पाकिस्तान के व्यवहार की आलोचना की है.