खास बातें:-
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2013 से ही सीयूजे प्रशासन क्रशर संचालन पर जता रहा है आपत्ति.
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2016 में दिया गया लीज 2026 तक के लिए.
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सारे नियमों को ताख पर रख कर दिया जा रहा लीज.
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सीयूजे कैंपस का निर्माण 23 फरवरी 2013 से ही चल रहा है.
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रांची विश्वविद्यालय के लिए चिह्नित परिसर व आइटीबीपी को भी दिया गया लीज.
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28 फरवरी को होनेवाला है CUJ का दीक्षांत समारोह
रांची : चेरी-मनातू में ब्लास्टिंग जोन के पास बस रही सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड (CUJ) के कैंपस से सटे पहाड़ को काटने का माइनिंग लीज 10 वर्षों के लिए दिया गया है. पास में ही क्रशर लाइसेंस भी दिया गया है. वर्ष 2016 में हिंदुकुश कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी को पहाड़ के 18.2 एकड़ एरिया का माइनिंग लीज दिया गया है. कंपनी के पास वर्ष 2026 तक का माइनिंग लीज है. जबकि वर्ष 2013 से ही सीयूजे प्रशासन ने वहां क्रशर संचालन पर आपत्ति जता रहा है और हुए इसे बंद करने का आग्रह करता रहा है.
प्रशासन ने सिर्फ निर्माणाधीन CUJ कैंपस के पास ही माइनिंग लीज नहीं दिया है. रांची विश्वविद्यालय के लिए चिह्नित परिसर व आइटीबीपी के पीछे भी विंध्यवासिनी कंपनी को माइनिंग लीज व क्रशर लाइसेंस दिया है. विंध्यवासिनी कंपनी को वर्ष 2018 से 2028 तक पत्थर उत्खनन कार्य के लिए माइनिंग लीज दिया गया.
सीयूजे कैंपस के समीप तीन माइनिंग लीज व क्रशर का लाइसेंस दिया गया है. माइनिंग लीज व क्रशर का लाइसेंस तब दिया गया है, जब पहाड़ से सटे सीयूजे कैंपस का निर्माण 23 फरवरी 2013 से ही चल रहा है. पहाड़ के ऊपर मंदिर बना हुआ है. पहाड़ से सटे हुए ही सीयूजे का एकेडमिक ब्लॉक है. खेल मैदान भी है. इसी मैदान में सीयूजे के पहले दीक्षांत समारोह की तैयारी जोरों पर है. 28 फरवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे. कैंपस के अंदर एकेडेमिक बिल्डिंग, लाइब्रेरी बिल्डिंग, एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग, गर्ल्स हॉस्टल, पांच बॉयज हॉस्टल समेत अन्य भवनों का निर्माण किया जा रहा है.
उधर, सीयूजे द्वारा जिला प्रशासन से निर्माणाधीन कैंपस से सटे पहाड़ में चल रहे माइनिंग कार्य को बंद कराने को लेकर कई बार आग्रह किया गया है, लेकिन इसे नजरअंदाज कर वर्ष 2016 में 10-10 वर्षों के लिए पहाड़ की माइनिंग लीज दे दिया गया.