जोहार पोषण कार्यक्रम के तहत वात्सल्य वैन को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना
चाईबासा:- राज्य की महिला, बाल विकास व समाज कल्याण मंत्री, जोबा माझी ने आज बड़ाचीरू में 100 बेड वाले कुपोषण उपचार सह प्रशिक्षण केंद्र का उदघाटन किया.
इस मौके पर मंत्री जोबा माझी ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं को प्रसव के दौरान काफी पीड़ा होती है जिसका मूल कारण उनका खानपान है. ग्रामीण महिलाएं उचित और पौष्टिक आहार नहीं लेने के कारण तंदुरुस्त बच्चे को जन्म नहीं दे पाती इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. अपने घर में ही जो भी फल सब्जी होती है उनका सेवन करना चाहिए. मैं भी एक मां हूं मैंने भी उस दर्द को झेला है उस तकलीफ को महसूस की है, मगर मैं कामकाज के साथ साथ घर का बना भोजन और हरी साग सब्जी का सेवन करती थी जिस वजह से मेरे सारे बच्चे तंदुरुस्त पैदा हुए. मैं गांव की हर गर्भवती माताओं से कहना चाहती हूं कि वह अपने खाने पीने का ध्यान रखें और हरी साग सब्जी जरूर खाएं. वहीं इस अवसर पर मंत्री जोबा मांझी ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सराहना करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे जिले में 100 बेड वाला कुपोषण उपचार केंद्र सह प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ हो रहा है. साथ ही इस अवसर पर मंत्री जोबा माझी के द्वारा कुपोषण की रोकथाम के लिए जन जागरूकता पर बनी फिल्म जिंदगी फिर मुस्कुराएगी का भी लोकार्पण किया गया और मंत्री ने फिल्म की सराहना करते हुए कहा कि यह फिल्म लोगों को जागरूक करने में मील का पत्थर साबित होगी.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि कुपोषण से बच्चों को बचाने के लिए सदर अस्पताल परिसर स्थित एमटीसी में 60 बेड वाला अस्पताल संचालित है. परंतु जिले में बढ़ती कुपोषण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बड़ाचीरू में 100 बेड का अस्पताल का निर्माण करवाकर इसकी शुरुआत की जा रही है. उपायुक्त ने कहा कि आज संपूर्ण राज्य में जितने भी कुपोषित बच्चों का आंकड़ा है उसमें 5000 बच्चे पश्चिमी सिंहभूम जिले के हैं. अब तक हमारे जिले में चार ही कुपोषण उपचार केंद्र थे जिसमें महज 14 दिनों में 60 बच्चों का ही उपचार हो पाता था अब 160 बच्चों का उपचार हो पाएगा और इस कार्य के लिए उन्होंने प्रशिक्षु आईएएस मोहम्मद जावेद और डॉक्टर जगन्नाथ हेंब्रम के साथ जिला समाज कल्याण और यूनिसेफ को बधाई दी.