रांची: झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर कोरोना के साथ लड़ाई में लंबी लकीर खींच रहे हैं. खुद अस्वस्थ होने के बावजूद वे अपने विधानसभा क्षेत्र पर 24 घंटे नजर बनाए हुए हैं. यहां तक कि मंत्रालय का भी कार्यभार घर से ही निपटा रहे हैं. अपने क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मंत्री लगातार प्रयासरत हैं. वे ऐसे सभी कार्य कर रहे हैं जिससे कोरोना के खिलाफ पूरी तरह सफलता मिल सके.
मंत्री ठाकुर अपने निजी खर्च से गढ़वा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक प्रखंडों में लॉकडाउन का पालन एवं कोरोना से बचाव के लिए वाहन से प्रचार-प्रसार करवा कर जागरूकता अभियान चला रहे हैं. साथ ही विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री दाल भात योजना प्रारंभ करवाने के बाद उन्होंने निजी खर्च से भी गरीबों के घर पर गर्म भोजन पहुंचाने के लिए चलंत भोजनालय की व्यवस्था की है.
विधानसभा क्षेत्र के सभी गांव में गमछा, सैनिटाइजर, साबुन, मास्क आदि का वितरण करवा रहे हैं. मंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी बड़े प्रखंडों में एक लाख रुपए तथा छोटे प्रखंडों में 50 हजार रुपए का सहयोग अपने निजी फंड से दिया है. सरकारी योजना से वंचित गरीबों के लिए कमेटी गठित कर इस राशि से सहयोग पहुंचाने की व्यवस्था की गई है जबकि वे बाहर फंसे गढ़वा के मजदूरों को मुख्यमंत्री झारखंड के सहयोग से वहां की सरकार से समन्वय स्थापित कर उनके रहने, खाने की व्यवस्था उपलब्ध करा रहे हैं.
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जिन प्रदेशों में सरकार से समन्वय स्थापित नहीं हो रहा है वहां फंसे मजदूरों को उनके खाता में पैसा भेज कर उनका सहयोग कर रहे हैं. गढ़वा विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रखंडों को सैनिटाइज कराया जा रहा है. ब्लीचिंग पाउडर एवं हाइपोक्लोराइट घोल से दो चरणों में प्रखंडों को सैनिटाइज किया जा रहा है.
ज्ञात हो कि मंत्री ठाकुर स्पाइनल कॉड कंप्रेशन के कारण बीमार हैं. वे एक माह के कंप्लीट बेड रेस्ट में हैं. बावजूद अपने विधानसभा क्षेत्र की पल पल की जानकारी लेते हुए अपने मंत्रालय का भी कार्यभार घर से ही निष्पादित कर रहे हैं. ठाकुर ने कहा कि आज पूरे देश के समक्ष महामारी की जो संकट उत्पन्न हुई है इसके सामने वे अपने कष्ट को भूल गए हैं. बस उनका एक ही मकसद है हर हाल में झारखंड से कोरोना वायरस को भागाना है एवं विभाग के कार्य को आगे बढ़ाना है.