रांची: झारखंड के हजारीबाग जिले बरही निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संजय मेहता के पत्र पर केंद्रीय मंत्रालय ने गंभीरता दिखायी है. संजय मेहता की शिकायत पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार को महिला एवं बाल कल्याण पर उचित कदम उठाने का आदेश दिया है. मामला सारंडा एवं पश्चिमी सिंहभूम के आदिवासियों के कल्याण से जुड़ा है.
केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय के निदेशक रूपक चौधरी ने झारखंड सरकार के कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को एक पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा.
झारखंड सरकार को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 17 दिसंबर को एक पत्र लिखा है. यह पत्र झारखंड सरकार के महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव को लिखा गया है. पत्र में संजय मेहता की शिकायत का संदर्भ दिया गया है. साथ ही राज्य सरकार को केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं के तहत इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम पर ध्यान आकर्षित करवाया गया है.
कुपोषण, पोषण, गर्भवती महिला, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण के संदर्भ में संजय ने शिकायत की थी. केंद्रीय मंत्रालय ने अतिशीघ्र इन विषयों पर कदम उठाकर राज्य सरकार को कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
संजय मेहता ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम एवं सारंडा जंगल के आदिवासियों की स्थिति काफी बदतर है. उनलोगों तक सरकारी सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही है. सरकार को हमने लिखा था. कार्रवाई हुई है. अब उम्मीद जगी है. उम्मीद करता हूं राज्य की नई सरकार आदेश का पालन करते हुए इसका समाधान करेगी.
राज्य की नौकरशाही को भी गंभीर होने की जरूरत है. जब तक आम लोगों तक सुविधा नहीं पहुंचेगी यह प्रयास जारी रहेगा. आम लोगों का कल्याण जनकल्याणकारी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. संजय ने उम्मीद जतायी की जल्द ही अब लोगों की समस्या का समाधान होगा.