बेंगलुरुः यह कहानी है 16 के दूल्हे और 19 की दुलहन की. स्कूल ड्रॉपआउट सौरभ (बदला हुआ नाम) आठवीं तक पढ़ाई के बाद वह एक गैस एजेंसी में डिलिवरी बॉय का काम करता था.
एल ऐंड टी साउथ सिटी अपार्टमेंट्स में ज्यादातर वह एलपीजी सिलिंडर पहुंचाता था. इन्हीं में से एक घर में 19 साल की सुनिता (बदला हुआ नाम) काम करती थी. यहीं से दोनों के लव अफेयर की शुरुआत हुई. जिस घर में सुनिता काम करती थीं, वहां सिलिंडर पहुंचाते वक्त दोनों के बीच संपर्क हुआ.
नेपाली बैकग्राउंड का होना दोनों को करीब लाने में मददगार बना और जल्द ही उनके बीच प्यार हो गया. एक महीने पहले सुनिता इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी में रहने वाले अपने माता-पिता का घर छोड़कर सौरभ के परिवार के साथ रहने पुट्टेनाहल्ली पहुंच गई.
सुनिता के परिजनों को यह नागवार गुजरा और नेपाल से लौटने से पहले ही उन्होंने नाता तोड़ लिया. लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर समाज के बढ़ते दबाव के बीचसौरभ के परिजनों ने दोनों की शादी का फैसला किया. 15 फरवरी को एक छोटे से फंक्शन में दोनों का विवाह हो गया.
इसके बादसौरभ औरसुनिता पति-पत्नी के रूप में रहने लगे. लेकिन इसी बीच किसी पड़ोसी ने कथित बाल विवाह के बारे में एक एनजीओ को जानकारी दे दी. एनजीओ के सदस्यों ने लड़का और लड़की दोनों की उम्र संबंधी सर्टिफिकेट उनसे हासिल किए.
महिला और बाल विकास विभाग की एक अधिकारी का कहना है, ‘लड़के के सर्टिफिकेट के मुताबिक उसकी उम्र 16 साल है और लड़की के आधार कार्ड के मुताबिक वह 19 साल की है.’ इसके बाद एनजीओ ने पुलिस को मामले की जानकारी दी.
पुलिस ने केस दर्ज करते हुए सौरभ को राज्य सरकार द्वारा संचालित जुवेनाइल होम में काउंसलिंग के लिए भेज दिया. बाल विवाह की शिकायत दर्ज करने के बाद लड़की और दूल्हे के परिजनों को छोड़ दिया गया. पुलिस ने शादीशुदा कपल के माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
उन पर बाल विवाह कानून 2006 की कई धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है.