नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर देश में सियासत गरमाई हुई है. नागरिकता संशोधन कानून के आने के बाद देश के कई राज्यों में इस एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं.
दिल्ली, यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक के अलावा पूर्वोत्तर के राज्यों में इस एक्ट का जमकर विरोध हो रहा है.
विपक्षी दल लगातार इसको लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, जबकि सरकार का कहना है कि विपक्ष केवल भ्रम फैलाने का काम कर रहा है. इन तमाम मुद्दों पर देश के गृहमंत्री अमित शाह ने बात की. शाह ने एनआरसी को लेकर पीएम मोदी के दिए गए बयान का भी जिक्र किया.
अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर गलतफहमी फैलाई गई. इस एक्ट में किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान ही नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि शरणार्थी हमारे भाई है, हम उनको सम्मान देंगे.
अमित शाह ने कहा कि प्रताड़ित मुसलमानों को भी हमारे यहां नागरिकता दी गई है. शाह ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कोई एक प्रावधान बता दें जिससे नागरिकता जा रही हो. सीएए और एनआरसी को एक साथ जोड़कर देखना जनता को गुमराह करना है.
एनआरसी पर शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ये कहा है कि अभी एनआरसी नहीं आ रहा है, और मैं भी कह रहा हूं कि अभी एनआरसी की चर्चा नहीं है.
जब शाह से पूछा गया कि क्या एनआरसी के मुद्दे को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया? इसपर उन्होंने कहा, ‘मैंने कहां ऐसा कहा है? मैं ये कह रहा हूं कि अभी नागरिकता संशोधन कानून आया है, इस पर चर्चा कीजिए.’