जमशेदपुर: पूर्वी के विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री सरयू राय ने शुक्रवार को प्रदूषण बोर्ड और स्वर्णरेखा परियोजना के अधिकारियों के साथ बैठक की. वहीं बैठक के बाद सरयू राय ने साफ कर दिया है, कि जमशेदपुर शहर में वैसे भवन और कंपनी जो प्रदूषण मानकों का पालन नहीं कर रहे उनपर विभाग कार्रवाई करें. साथ ही स्वर्णरेखा परियोजना को नदी के पानी को साफ कैसे रखा जाए ताकि लोगों शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराई जा सके. यानि कहीं न कहीं सरयू राय का ईशारा जमशेदपुर और आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन कर दूषित पानी को नदी में बहाने की ओर है.
आपको बता दें कि सरयू राय लगातार कई सालों से नदियों के प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. ऐसे में सरयू राय एक बार फिर से अपने अभियान में जुट गए हैं. हालांकि उन्होंने इसे राज्यव्यापी मुद्दा बताया और सरकार को गंभीरता से लेते हुए पूरे राज्य में कार्रवाई करने की बात कही है.
वहीं सरयू राय ने चाईबासा हिंसा को लेकर राज्य सरकार का बचाव करते हुए कहा है, कि पत्थरगड़ी समर्थकों रिहा करने का फैसला नहीं दिया गया बल्कि केस वापस लेेने का फैसला लिया गया है. मामला न्यायालय में चलना है और न्यायालय से आदेश के बाद रिहाई हो सकती है. वहीं सरयू राय ने सरकार को नसीहत भी दी कि ऐसे मामलों में सभी को एक मंच पर आकर सही निर्णय लेना चाहिए क्योंकि देश के कानून को मानकर अगर सरकार बनी है, तो देश में रहनेवाले लोगों को कानून नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता.
वहीं घटनास्थल पर जानेवाले भाजपा सांसदों को चाईबासा जिला प्रशासन द्वारा रोके जाने के मामले में सरयू राय ने जिला प्रशासन के फैसले को सही बताया और कहा ऐसे समय में जिला प्रशासन को जो सही लग रहा है, विधि व्यवस्था के लिए करना चाहिए. उधर सरयू राय ने एनआरसी और सीएए को लेकर देशभर में मचे घमाशान को लेकर विरोधियों और समर्थकों से संयम बरतने और आपसी डायलॉग से रास्ता निकालने की अपील की. उन्होंने कहा जब लोकसभा से प्रस्ताव पारित हो गया और देश के सर्वोच्च अदालन ने इसे स्वीकृति दे दी तो विरोध का कोई महत्व नहीं रह जाता. हालांकि सरयू राय ने एनआरसी और सीएए को सही कदम बताया.