रांची: त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल समाप्त होने से अब मनरेगा का संचालन बीपीओ और बीडीओ के स्तर से होगा. मनरेगा आयुक्त ने सभी उपायुक्त, सभी उप विकास आयुक्त सह जिला कार्यक्रम समन्वयक झारखण्ड को मनरेगा योजना के क्रियान्वयन के संबंध में पत्र लिखा है.
उन्होंने लिखा है कि वर्तमान में मनरेगा अंतर्गत शत-प्रतिशत योजनाओं का क्रियान्वयन ग्राम पंचायत स्तर से किया जाता है. योजनाओं के क्रियान्वयन में होने वाले सभी प्रकार के व्यय का भुगतान eFMS प्रणाली के तहत FTO सृजन कर किया जाता है, जिसमें प्रथम हस्ताक्षरकर्ता के रूप में पंचायत सचिव तथा द्वितीय हस्ताक्षरकर्ता के रूप में मुखिया अधिकृत हैं.
वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की कार्यावधि समाप्त हो रही है, जिसके कारण मनरेगा अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर से योजना में व्यय हेतु FTO का अनुमोदन संभव नहीं हो सकेगा. विभाग स्तर पर सम्यक विचारोपरांत अगले आदेश तक मनरेगा अंतर्गत योजनाओं के क्रियान्वयन में होने वाले विभिन्न प्रकार के व्यय के भुगतान हेतु निर्णय लिए गए हैं.
मनरेगा अंतर्गत योजनाओं के क्रियान्वयन में होने वाले विभिन्न प्रकार के व्यय के भुगतान प्रखण्ड स्तर से eFMS प्रणाली के तहत FTO के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें प्रथम हस्ताक्षरकर्ता के रूप में सबंधित प्रखण्ड के प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी तथा द्वितीय हस्ताक्षरकर्ता के रूप में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी-सह-मुख्य प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी रहेंगे.
यदि किसी प्रखण्ड में दो प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यरत हैं तो ऐसी परिस्थिति में प्रथम हस्ताक्षरकर्ता के रूप में वरीय प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी को प्राथमिकता दी जाय.
सभी प्रकार के भुगतान मनरेगा प्रावधानों एवं कार्य के अनुरूप किया जाएगा.
किसी भी परिस्थिति में मजदूरों का मजदूरी भुगतान विलंब से नहीं होना चाहिए. विलंब से मजदूरी भुगतान होने की परिस्थिति में विभागीय आदेश के अनुरूप जवाबदेही निर्धारण करते हुए कार्रवाई की जाय.
10 लाख रुपए तक की नयी योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति सबंधित प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा दी जाएगी.
वैसे ग्राम पंचायत जहां पर मुखिया का कार्यकाल समाप्त हो चुका है वहां पर इस व्यवस्था को तुरंत प्रारम्भ किया जाय तथा वैसे ग्राम पंचायत जहां पर मुखिया का कार्यकाल समाप्त नहीं हुआ है वहां पर अवधि समाप्त होने के पश्चात तुरंत निर्देश के अनुरूप कार्यवाही की जाय.