रांची: कांग्रेस जनों द्वारा 17 जून को संध्या छ बजे चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद जवानों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई एवं दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धासुमन अर्पित किया. मुख्य रूप से मौजूद प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के जाबांज जवानों की शहादत पर गहरा दुख एवं शोक प्रकट किया है. झारखण्ड के साहेबगंज जिला के शहीद जवान कुंदनकांत ओझा, बहरागोड़ा के जवान गणेश हांसदा, बिहार के कर्नल संतोष बाबू, हवलदार पालानी सहित 20 जवानों की शहादत पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है. डॉ उरांव ने कहा कि पूरा देश जवानों की वीरता और शहादत को कभी नहीं भूल सकता है, शहीद जवानों के परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा है. देश की संप्रभुता की रक्षा में वीर सपूतों का बलिदान सदियों तक याद रखा जाएगा. हम हमारे सभी शहीद वीर सपूतों को नमन करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिजनों को अपार दुख सहने की शक्ति दे. शहीदों के परिजनों के साथ झारखंड के एक-एक नागरिकों की सहानूभूति और हमदर्दी है.
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ उरांव ने कहा कि झारखण्ड का एक एक बच्चा देश के साथ है, सरकार के साथ है, प्रधानमंत्री के साथ हैं, लेकिन हमारे सैनिकों की शहादत कैसे हुई, चीन ने कितने क्षेत्रफल में हमारी जमीन पर कब्जा किया है, हमारे सैनिकों की शहादत कैसे हुई देश यह जानना चाहता है. देश यह भी प्रधानमंत्री से पूछ रहा है कि 20 सैनिकों के अलावा क्या हमारी और सैनिकों को चीन ने अगवा किया है, हमारे कितने जवानों को चोट लगी है या घायल हैं, गोपनीयता से काम नहीं चलेगा. प्रधानमंत्री का देश की संप्रभुता और अखंडता पर खामोशी पूरे देश को अखड़ रही है. पिछले 43 दिनों से देश संकट के दौर से गुजर रहा है, देश की सीमाऐं असुरक्षित है, पिछले 58 साल के बाद खूनी संघर्ष देखने को मिला है, जबकि प्रधानमंत्री 11 बार चीन का दौरा कर चुके हैं. जिसमें पाँच बार मुख्यमंत्री रहते हुए और छ बार प्रधानमंत्री बनने के बाद, फिर भी ऐसी स्थिति से देश को सामना करना पड़ा है.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है. वह हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत को अपनाता है. लेकिन जब भी किसी देश में भारत की अखण्डता एवं प्रभुता पर हमला करने की कोशिश की है, तो उसका मुंहतोड़ जवाब भी दिया है. उन्होंने कहा कि यह देश इस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश हित में कड़े निर्णय लेने की जरूरत है और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गॉंधी ने कहा है कि देशहित में उठाये गये किसी भी कदम का कांग्रेस पार्टी साथ देगी.
झारखंड सरकार में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि देश के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, देश उनकी कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देगा. ये झड़प नहीं सुनियोजित हमला है कठोर जवाब चाहिए. प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष सह विधायक डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि देश हिसाब मांग रहा है, मीटिंग करना बन्द कीजिए, सोशल डिस्टेंसिंग मत करिये सीधा जवाबी कारवाई कीजिए.
विधायक दीपिका पाण्डेय सिंह ने कहा गलवान वैली में अपनी धरती की रक्षा करते हुए 20 सैनिक शहीद हुए हैं, भारत सरकार से कठोर कदम उठाने की अपेक्षा है. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि हमारे सैनिकों और आर्मी पर पूरा देश घमंड करता है, पिछले सत्तर वर्षों में हमारी सेना ने सरहदों की रक्षा की है, ऐसे में हमारी सेना पर सवाल उठाने वालों को देश कभी माफ नहीं करेगा. प्रधानमंत्री को इधर उधर भटकाने की बात ना करते हुए और ना इसकी आवश्यकता है. सीधे देश को सही जानकारी देनी चाहिए, खामोशी तोड़नी चाहिए कि पूरी स्थिति से निपटने के लिए क्या रणनीति व योजना है. देश गुस्से में है, अक्रोश में है, पारदर्शिता की कमी है. देश बार-बार यह कह रहा है तू इधर उधर की न बात कर-ये बता करवां क्यूं लूटा, मुझे रहजनों का गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है.
कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि झारखंड की ऐतिहासिक भूमि हमेशा से गौरव और बलिदान की पृष्टभूमि को चरितार्थ करता रहा. झारखंड की जनता शरहद की रक्षा कर रहे जवानों के साथ खड़ी है. झारखंड के दोनो वीर सपूतों को हम हृदय से नमन करते है. उनके गौरव गाथा इस मिट्टी को शक्ति देने का काम करेगी.
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्य रूप से धनबाद जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह,जोनल कोर्डिनेटर सुलतान अहमद,निरंजन पासवान,झारखंड गोरखा संगठन के पूर्व अध्यक्ष रीतेश थापा, एसके तामंग, विभय शाहदेव, फिरोज रिजवी मुन्ना, जितेन्द्र त्रिवेदी, अजय सिंह, गुलाम रब्बानी,कौशल किशोर, दिनेश लाल सिन्हा, मदन महतो,प्रकाश प्रधान, पप्पू पासवान, मन बहादुर तामंग, मनोज यादव, सागर छेत्री, अनूप गुरुंग, जगन्नाथ साहू मुख्य रूप से उपस्थित थे.