दीवाली आते ही घर में हफ्ते भर पहले से रौनक दिखाई देने लगती है. वहीं सभी लोग घर की साफ-सफाई भी काफी पहले से शुरू कर देते हैं. इसके बाद दिवाली के दिन सभी लोग अपने घर को बहुत अच्छे से सजाते हैं. उसके बाद शाम को मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है.
जब मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है तब उन्हें खील-बताशे का प्रसाद जरूर चढ़ाया जाता है. दीवाली की पूजा खील-बताशों के बिना अधूरा माना जाता है. वहीं दीवाली पर खील और पताशे का भोग लगाना बहुत जरूरी माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों मां लक्ष्मी की पूजा करते हुए उन्हें खील और बताशे ही अर्पित किए जाते हैं?
दीपावली की पूजा के दौरान मां लक्ष्मी और गणेश जी को खील और बताशे चढ़ाने के पीछे कई सारे कारण हैं और ये कारण इस तरह है.
खील धान से बनी होती है और धान को अनाजों में सबसे पवित्र माना जाता है. इसलिए मां की पूजा करते समय उन्हें खील जरूर चढ़ाई जाती है. वहीं बताशों का रंग सफेद होता है और जो पवित्रता का दर्शाते हैं.
वहीं खील-पताशे चढ़ाने का दूसरा कारण दीपावली से पहले ही चावल की फसल तैयार होती है और चावल की फसल का पहला भोग मां को दीपावली के दिन लगाया जाता है और खील चढ़ाई जाती है.
दीपावली के दिन मां की पूजा करते समय उनसे धन और वैभव की प्राप्ति की कामना की जाती है और हमारे शास्त्रों में धन-वैभव का दाता शुक्र ग्रह को माना गया है. धान शुक्र ग्रह से जुड़ा हुआ है. इसलिए शुक्र को प्रसन्न करने के लिए हम लक्ष्मी को खील-बताशे चढ़ाते हैं.
सफेद और मीठी सामग्री का नाता शुक्र ग्रह से होता है और इसलिए दीपावली के दिन मां लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए खील और बताशे अर्पित किए जाते हैं. ताकि इनकी कृपा हम पर हमेशा बनी रहे.
जानिए दीवाली पर भगवान की कैसे करें पूजा
दीपावली के दिन आप शाम के समय केवल शुभ मूहुर्त पर ही पूजा करें. पूजा करने हेतु आप सबसे पहले अपने पूजा घर में एक रंगोली बना दें. फिर इस रंगोली के पास ही एक चौकी रखें दें और चौकी पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर दें. आप चाहें तो कुबरे भगवान की मूर्ति भी चौकी पर रख सकते हैं.
पूजा की शुरूआत करते हुए आप सबसे पहले दीपक जला दें और मां लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करें और गणेश जी को लाल रंग का फूल चढ़ाएं.
जब आप भगवान जी को फूल अर्पित कर दें उसके बाद आप चौकी पर फल रखें और खील बताशों को भी रख दें. इसके बाद आप अपनी पूजा शुरू करें और पूजा करते समय आप मां से धन प्राप्ति की कामना करें.
पूजा पूरी होने के बाद आप मां की आरती जरूर गाएं और आरती पूरी होने के बाद मां को खील-बताशें चढ़ाएं. जिसे बाद में प्रसाद के रूप में बांट दें।.इसके अलावा आप थोड़े से खील और बताशे अपनी तिजोरी में भी रख दें. ऐसा करने से आपकी तिजोरी हमेशा धन से भरी रहेगी.
पूजा संपन्न होने के बाद अपने घर को दीयों की रोशनी से जगमगा दें और घर के हर कोने में दीपक जरूर रखें.