केरल: कोरोना वायरस का कहर देश में ऐसा फैला है कि जो जहां पर था वह वहीं पर फंस कर रह गया. ऐसे में कोई बीमार है तो कोई रोजमर्रा की जरूरतों के लिए दिक्कतों का सामना कर रहा है. इस बीच एक मां ने वो कर दिखाया, जो कि हर किसी के लिए कर पाना मुश्किल है.
50 वर्षीय एक मां को जैसे ही पता चला कि उसका बेटा बहुत बीमार है तो वह 2700 किलोमीटर का सफर तय कर अपने बीमार बेटे को देखने केरल से जोधपुर जा पहुंची. वो भी ऐसे वक्त में जब कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लगाया है और किसी को भी घरों से बाहर नही निकलने की हिदायत दी जा रही है.
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पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, महिला का नाम शीलम्मा वसन है, जो कि 50 वर्ष की है. वसन को पता चला कि उनका 29 वर्षीय बेटा अरुण कुमार बहुत ही बीमार है. अरुण मायोसाइटिस से ग्रस्त है. अरुण बीएसएफ जवान है और वह फरवरी में अपने घर गया था. छुट्टी खत्म होने के बाद जब वहां जोधपुर वापस ड्यूटी पर पहुंचा तो वह बीमार पड़ गया और उसने अपनी मां और पत्नी से मिलने की इच्छा जताई.
जोधपुर एम्स के डॉक्टर ने अरुण के परिवार को उनकी बीमारी को लेकर सूचित किया. इसके बाद अरुण की मां ने फैसला किया कि वो अपने बेटे से मिलने जाएंगी. केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय और कांग्रेस नेता ओमन चांडी के हस्तक्षेप के कारण, परिवार को राज्यों में यात्रा के लिए आवश्यक पास मिल सका.
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इसके बाद उन्होंने केरल से अपनी यात्रा शुरू की और छह राज्यों का सफर तय करते हुए जोधपुर पहुंचे, जिनमें तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात और राजस्थान शामिल हैं. जोधपुर पहुंचने पर वसन ने कहा कि भगवान की कृपा से हमें यहां पहुंचने में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. विश्व हिंदू परिषद ने वसन और अरुण की पत्नी के लिए जोधपुर तक के लिए दो ड्राइवर्स के साथ कैब बुक की थी, जिसकी बदौलत वो यहां पहुंच सकीं.