ज्योत्सना,
खूंटी: रनियां प्रखंड का सुदूरवर्ती सीमावर्ती इलाका खटखुरा पंचायत का जंगल पहाड़ों से घिरा बुरुरमुंडा गांव, जहां एक सप्ताह पूर्व पति पत्नी के आपसी विवाद में पति बिरसा मुंडा ने पत्नी बिरसी मुंडाईन की हत्या कर दी. हत्या के दो दिन बाद पुलिस ने मामले में बिरसा मुंडा को दोषी पाते हुए गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया.
अबोध बच्चों के ऊपर से मां का साया उठ चुका, उसके बाद कानून के शिकंजे ने बच्चों के पिता को काल कोठरी में डाल दिया. अब सिर्फ घर में बची बच्चों की दादी ही माता और पिता दोनों की भूमिका निभाने को विवश है.
सात अबोध बच्चों की मां की हत्या और पिता का जेल जाना बच्चों के परवरिश पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है. आखिर इन बच्चों का भविष्य क्या होगा? बच्चों की दादी एक बच्चे को दिनभर अपने साथ आंचल से बांधे रहती है, रोते हुए बच्चे को दूध की जगह जंगल के फल फूल या भात खिलाकर ही चुप कराती है. वहीं अन्य सभी बच्चे दादी के साथ ही घटना से अनभिज्ञ साथ रहकर गुजर – बसर करने को मजबूर हैं. स्थानीय अखबारों में हत्या की खबर प्रमुखता से छपने के बाद बाल संरक्षण समिति ने गांव पहुंचकर स्पॉन्सरशिप एन्ड फॉस्टर केयर योजना के तहत सुविधाएं देने की पहल की।
घटना की जानकारी मिलते ही पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा ने भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता मनोज कुमार को बच्चों तक पहुंचकर दैनिक उपयोगी सामग्री उपलब्ध कराने को कहा. बेसहारा सातों अबोध बच्चे अपनी दादी के सहारे जीवनयापन करने को विवश हैं. सांसद अर्जुन मुंडा ने भी मामले की जानकारी लेकर बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर तरीके से सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ साथ शिक्षा व्यवस्था के लिए उचित पहल करने का निर्देश दिया.
निर्देश के बाद भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता ने स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ खटखुरा पंचायत के सुदूरवर्ती जंगल पहाड़ों से घिरा बुरुरमुंडा गांव पहुंचे और बच्चों को अमूल मिल्क पाउडर, बिस्किट, तेल, साबुन, सोलर लाइट और अनाज मुहैया कराया.