खूंटी: नक्सली से नहीं साहब पेट की भूख से डर लगता है. नक्सली तो गोली मारते है लेकिन पेट की भूख कब मौत बनकर साथ ले जाए कोई नहीं जानता. नक्सली हिंसा में मारे गए परिजन भूख से बिलख रहे लोगों के लिए व्यवसायी सह सांसद प्रतिनिधि भगवान बनकर उनतक पहुंचे है और उन गरीब लाचार लोगों को जरूरत के सामान मुहैया करा रहे हैं.
खूंटी मुरहू और अड़की इलाके में हाल के दिनों में आधा दर्जन से अधिक भाजपा नेताओं को नक्सलियों ने हत्या कर दी. उसके बाद उन लोगों का आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि कोई पूछने वाला नहीं. लॉकडाउन में जिला प्रशासन भले ही आम लोगों तक पहुंच बना पाई हो लेकिन इन परिवारों तक पहुंच नहीं होने से भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. हालांकि व्यवसायी मनोज कुमार मसीहा बनकर ऐसे लोगों के लिए तैयार है और उनके इस कार्य को लेकर स्थानीय मुखियागण भी साथ देने की बात करते है ताकि जबतक लॉक डाउन है तबतक उन्हें भुखमरी से गुजरना न पड़े.
उग्रवादी हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता स्व. धनेश का परिवार उसके मारे जाने के बाद बिखर गया है. उसकी बहन शकीला से मिले और मोदी आहार प्रदान कर और आगे भी सहयोग करने बात कही. साथ ही भाजपा कार्यकर्ता बुड़जू निवासी स्वर्गीय मागो मुंडा के परिजनों से भी मिले. जिनके बेटे और पत्नी सहित हत्या कर दी गई थी. साथ ही स्व. भैयाराम मुण्डा की पत्नी और ओतोंगओड़ा के स्व. युगल पूर्ति के परिवार से तथा कोड़ापूर्ति के स्वर्गीय गणेश मुंडा की मां से मिलकर उनके परिवार की स्थिति का हाल जाना और उन्हें मोदी आहार भेंट कर सांत्वना दिया. इसी दौरान सायको निवासी स्व. सुखराम मुण्डा की पत्नी और दो छोटे छोटे बच्चों से भी मिले.
उन्होंने इनसे मिलकर स्थिति के बारे में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को अवगत कराने की बात कही और यथासंभव मदद कर लाभ दिलाने का ढाढ़स बंधाया और भेंट स्वरूप मोदी आहार का पैकेट प्रदान किया. कई परिवारों ने बताया कि अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है और कई लोगों को उनके मारे गए परिजनों के केस के बारे में भी जानकारी नहीं है. उनके केस की स्थिति क्या है ? बस उन्हें आशा है कि न्याय मिलेगा जरूर.