नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान कई उद्योगपतियों ने आपदा को अवसर में बदलने की ठान ली थी. जिसके चलते कई कारोबारियों की संपत्ति में जमकर इजाफा हुआ. उन्हीं में एक नाम झोंग शानशान का भी शामिल है. शानशान की संपत्ति में इस साल खूब इजाफा हुआ है. उनकी नेटवर्थ इस साल 70.9 अरब डॉलर से बढ़कर 77.8 अरब डॉलर हो गई.
शानशान की संपत्ति में हुए इजाफे से वो एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं. झोंग शानशान अब न केवल एशिया के सबसे अमीर आदमी हैं, बल्कि उन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित करने के मामले में चीन के सबसे रईस शख्स अलीबाबा के जैक मा को भी पीछे छोड़ दिया है.
इस लिस्ट में मुकेश अंबानी भी हैं, जिनका नेटवर्थ इस साल बढ़कर 76.9 अरब डॉलर तक पहुंचा गया है. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, झोंग शानशान से पहले अंबानी एशिया के सबसे धनी व्यक्ति थे. मुकेश अंबानी की वेल्थ इस साल 18 अरब डॉलर बढ़ी और वह 76.9 अरब डॉलर की वेल्थ के साथ एशिया के टॉप धनकुबेरों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं.
झोंग बोतल बंद पानी और कोरोना का टीका बनाने जैसे बिजनेस से जुड़े हैं. झोंग का कारोबार पत्रकारिता, मशरूम की खेती और स्वास्थ्य क्षेत्र तक फैला हुआ है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स की नई रिपोर्ट के मुताबिक, यह संपत्ति में तेज गति से बढ़ोतरी का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है, वह भी ऐसे में जबकि इस साल तक उन्हें चीन से बाहर कम ही लोग जानते थे.
उनको सफलता दो कारणों से मिली. अप्रैल में उन्होंने बीजिंग वेन्टाई बायोलॉजिकल फार्मेसी एंटरप्राइज कंपनी से वैक्सीन विकसित की और कुछ महीनों बाद बोतलबंद पानी बनाने वाली नोंगफू स्प्रिंग कंपनी हांगकांग में सबसे लोकप्रिय में से एक बन गई. नोंगफू के शेयरों ने अपनी स्थापना के बाद से 155 फीसदी की छलांग लगाई है और वेन्टाई ने 2,000 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई है.