मुंबई: मकर संक्राति का त्योहार आते ही पूरे देश में पतंगबाजी का चलन शुरू हो जाता है. लोग पूरे जोश और उत्साह से पतंग उड़ाते हैं लेकिन पतंगबाजी के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के चलते पुलिस ने नॉयलॉन के मांजे पर बंदी लगा रखी है बावजूद इसके लोगों द्वारा धड़ल्ले से इसका उपयोग हो रहा है और मुंबई पुलिस के अधिकारी भी इसका शिकार हो रहे हैं.
वरली पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक राकेश गवली की जान शनिवार को समय पर उपचार मिलने के कारण बाल-बाल बच गई. कोर्ट जाते समय नायलॉन के मांजे से उनका गला कट गया लेकिन समय रहते उनका इलाज हो गया जिससे उनके प्राण बच गये.
राकेश गवली शनिवार को दोपहिया से सत्र न्यायालय जा रहे थे. जे.जे. मार्ग जंक्शन पर अचानक पतंग के मांजे से उनका गला गट गया. मोटरसाइकल को नियंत्रित करते समय कब उनका गला कट गया उन्हें पता ही नहीं चला. उनके गले से खून बहता देख वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिस उन्हें जे.जे. हॉस्पिटल ले गई जहां उनका तुरंत इलाज शुरू हो गया.
इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस उपायुक्त परमजीत सिंह दहिया ने बेहतर ईलाज के लिए गवली को तुरंत व्होकार्ट हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जहां उनके गले 10 टांके लगाये गये और समय पर उपचार मिलने से उनकी जान बचाई जा सकी.
बता दें कि 14 जनवरी को ही ऐहतियात बरतते हुए ठाणे के पुलिस आयुक्त विवेक फणसकर ने ठाणे पुलिस आयुक्तालय की सीमा में नायलॉन के मांजों, कांच की कोटिंग वाले मांजों की बिक्री और भंडारण पर 31 जनवरी तक रोक लगा दी थी लेकिन इसके बावजूद इसका उपयोग हो रहा है.
पतंगबजी में नायलॉन के मांजे का उपयोग होने के कारण पशु-पक्षी जख्मी होते हैं और उनकी जान जाने का खतरा भी रहता है. कई बार इंसानों के भी घायल होने की घटनाएं होती हैं. इसलिए ठाणे पुलिस द्वारा ये आदेश जारी किया गया है.