धनबाद : नगर निगम वार्ड सेवक के लोगों ने आज उपायुक्त अमित कुमार से मिले. उपायुक्त ने उपनगर आयुक्त से वार्ता कर नगर वार्ड सेवक को मिलने को कहा और उचित मार्गदर्शन का निर्देश दिया. वहीं दूसरी ओर वार्ड सेवक कर्मी ने उपनगरयुक्त से वार्ता करने को सहमति जताया है.
आपको बता दूं कि निगम ने वार्ड स्वंय सेवकों का इस्तीफा स्वीकार करते हुए तत्काल में राजस्व सम्बंधित कार्य का प्रभार स्वच्छता पर्यवेक्षकों को सौप दिया गया है. नगर निगम अगले एक सप्ताह के भीतर वार्ड स्वंय सेवकों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करेगी.
बताते चले कि बुधवार को 58 वार्ड के स्वंय सेवकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है. स्वंय सेवकों ने हस्ताक्षरयुक्त इस्तीफा नगर आयुक्त की अनुपस्थिति में डिस्पेच विभाग को सुपुर्द किया. इस्तीफे के बाद वर्तमान में 70 में महज 12 वार्ड स्वंय सेवक रह गए है.
इस्तीफा देने के मुख्य कारण :
- काम का अत्यधिक भार देना.
- काम के घण्टे, 8 के बजाय 12 -12 घण्टे काम लेना.
- नियमित रूप से वेतन भुगतान नहीं करना. वरीय अधिकारियों के द्वारा मानसिक तौर से प्रताड़ित करना, इस्तीफे की मुख्य वजह है.
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वार्ड स्वंय सेवकों का कहना है कि विभाग ने टैक्स के कार्य के लिए स्वंय सेवकों की बहाली की थी. टैक्स के अलावे भी कई और कार्य स्वंय सेवकों के ऊपर लाद दिया गया है. 8 घण्टे के बजाय 12 घण्टे काम लिया जाता है. सुबह आठ बजे ही ड्यूटी शरू कर दी जाती है. छुट्टी रात्रि के 8 बजे मिलती है. वार्ड स्वंय सेवको में कुछ महिलाएं भी शामिल है, जासके कारण रात्रि में छुट्टी के बाद घर जाने में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती है और 26 दिन के बजाय 30 दिन काम लिया जाता है. महीने में एक दिन भी छुट्टी नहीं दी जाती है और वेतन भी अनावश्यक रोक लिया जाता है. चार माह में एक माह का वेतन मिलता है, और महंगाई भत्ता में भी वृद्धि नहीं की जाती है.