रांची : कोविड-19 के दौरान आत्महत्या के विचार एवं उसके बचाव के उपाय विषय पर रिपनास में राष्ट्रीय वेबिनार का अयोजन रविवार को किया गया. मुख्य वक्ता सहायक प्रध्यापक डॉ मसरुर जहां ने आत्महत्या के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि नकारात्मक विचार व्यक्ति में आता है. यह तब आता है, जब व्यक्ति अपने आपको असहाय, आशाहीन और दुनिया का बेकार आदमी महसूस करता है और मान लेता है. ये भावना आत्महत्या को बढ़ावा देता है. अधिक आक्रमकता और आवेश पूर्ण व्यवहार को भी आत्महत्या के लिए उत्तरदायी माना जाता है. उन्होंने आत्महत्या को रोकने के उपाय के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि व्यक्ति के आत्महत्या के विचार को थोड़ी देर के लिए रोककर या टालकर आत्महत्या को रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि अवसाद से अधिक ग्रसित व्यक्ति को पहले डॉक्टर से दवा लेने की जरूरत है.
विशिष्ट अतिथि प्राध्यापक डॉ. अमूल रंजन सिंह ने कहा कि तनाव हमारे आंतरिक नकारात्मक सोच, डर, भय के कारण उत्पन्न हो रहे हैं. हम सभी इससे काफी तनावग्रस्त हो रहे हैं. आज की विकट परिस्थिति से निपटने के लिए लोगों को योगा, समाज के साथ संबंध और अपनी नैतिक जिम्मेदारियां को निभाने की आवश्यकता है.
बेविनार की शुरुआत स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ मीनाक्षी कुजूर ने की. संचालन डॉक्टर प्रकाश उरांव ने किया. धन्यवाद क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर तेतरा कुमार ने किया. इसमें 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया.