रांची. झारखंड में आईईडी लगे तीर बम की बरामदगी के बाद से ही छत्तीसगढ़ के नक्सलियों की झारखंड में दस्तक का आभास झारखंड पुलिस को हो चुका था, लेकिन अब इसके पुख्ता सबूत भी सामने आ गए हैं. चाईबासा पुलिस के हत्थे चढ़े एक नक्सली ने स्वीकार किया कि वह छत्तीसगढ़ का रहने वाला है. उसने बताया कि वह छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का रहने वाला है और उसका नाम जयमन अरकी है. जयमन ने स्वीकार किया है कि वह छत्तीसगढ़ के भाकपा माओवादी दस्ते का सदस्य है. जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ का हथियारबंद माओवादियों का दस्ता झारखंड के चाईबासा और गढ़वा के बूढ़ा पहाड़ इलाके में सक्रिय है. लातेहार और छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के सीमावर्ती इलाकों में भी माओवादियों की सक्रियता बढ़ी है.
छत्तीसगढ़ के भाकपा माओवादियों की सक्रियता की बात सामने आने के बाद झारखंड पुलिस भी अपने गुरिल्ला वार और तकनीक में बदलाव करने जा रही है ताकि ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को कम से कम क्षति हो. जानकारी के मुताबिक, माओवादी संगठन के पास हथियार और गोलियों की कमी है. ऐसे में माओवादी सुरक्षाबलों से सीधे मुठभेड़ करने से बचते हैं और मौका मिलते ही पुलिस पर हमला करते हैं. इसी रणनीति पर काम करते हुए माओवादियों ने सरायकेला के कुकुरुहाट और चंदवा में पुलिस बलों पर हमला किया था. माओवादियों की योजना पुलिस के हथियार लूटने और खुद की मजबूती का संदेश देने की भी है. रेकी के बाद अचानक हमला कर पुलिस बलों को टारगेट किया जा सके, इसके लिए माओवादियों ने भी पुलिस की तर्ज पर स्मॉल एक्शन टीमें बनाई हैं.
ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबल के रुकने के स्थानों पर आईडी लगाने की नक्सली रणनीति का हिस्सा है. पश्चिम सिंहभूम के स्कूल में मिले सिलिंडर बम नक्सलियों के इरादे बताने को काफी हैं. इसके साथ ही आईईडी लगे तीर बम का भी इस्तेमाल झारखंड में भी शुरू हो गया है और इसकी भी तस्वीर सामने आई हैं. आपको बता दें कि तीर बम का इस्तेमाल नक्सली पहले छत्तीसगढ़ में करते थे
झारखंड के आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सली से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि ये हथियारबंद दस्ते का सदस्य है और हाल के दिनों में चाईबासा इलाके में हुई घटनाओं में भी ये दस्ता शामिल था. उन्होंने कहा कि फिलहाल नक्सली को रिमांड पर लेने की कोशिश की जा रही है, ताकि और भी महत्त्वपूर्ण जानकारी सामने आ सके.