रांची: मेजर जनरल एम इंद्र बालन, एडीजी, एनसीसी, बिहार और झारखंड डायरेक्टरेट ने अपने पहले झारखंड दौरे पर एनसीसी द्वारा की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उनके दौरे का मकसद है झारखंड में एनसीसी के कार्यों को और गति प्रदान करना है, ताकि यहां के कैडेट का प्रदर्शन और निखरे. इस बार के गणतंत्र दिवस के परेड में अन्य सैन्य बलों के साथ एनसीसी के कैडेट्स भी परेड का हिस्सा बनेंगे. इससे संबंधित तैयारियों के लिए कोरोना के समय में पूरी सावधानियों के साथ परेड की ट्रेनिंग कैसे की जाए, इस संबंध में भी उन्होंने यहां के अधिकारियों और कैडेट से विचार विमर्श किया.
उन्होंने यह भी बताया की एनसीसी के 4000 से अधिक कैडेट्स ने कोरोना संक्रमण काल में लागू लॉकडाउन के समय देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य सरकारों के साथ मिलकर फ्रंट वरियर्स की तरह अलग-अलग जगहों जैसे मंडियों, लौट रहे अप्रवासी मजदूरों को खाद्य सामग्री के वितरण और विभिन्न जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करवाने में अपना योगदान दिया. उन्होंने बताया कि ऐसे कुछ प्रमुख कार्यकर्ताओं को एनसीसी अवार्ड दिलवाने का भी कार्य करेगी, ताकि उन्हें अपने कार्य का उचित प्रोत्साहन मिल सके.
मेजर इंद्रबालन ने यह भी बताया कि नई शिक्षा नीति के प्रचार प्रसार में भी रक्षा मंत्री एनसीसी का रोल देखते हैं. इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय ने एक रिसोर्स बुक भी तैयार किया है. उन्होंने यह भी बताया कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि सीमावर्ती तथा समुद्री क्षेत्रों में करीब एक लाख एनसीसी के कैडेट्स को जोड़ा जाएगा, ताकि वह इन क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी जागरुकता लोगों तक पहुंचा सके. इससे इन क्षेत्रों में कॉन्फिडेंस बिल्डिंग का भी कार्य होगा. इसमें बिहार में भी काफी तादाद में कैडेट्स को तैनात किया जाएगा. इससे देश की सुरक्षा में एनसीसी भी अपने तरीके से योगदान देने में सक्षम होगी.
उन्होंने बताया की झारखंड में एनसीसी नेवल यूनिट शुरू करेगी, ताकि यहां के बच्चे इसमें ट्रेनिंग लेकर देश की नेवी में अपना योगदान दे सकें. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में पहले से ही एयरफोर्स की एक यूनिट चालू है, जिससे कई एनसीसी के कार्यकर्ता जुड़कर सफलतापूर्वक देश की एयरफोर्स में भी शामिल हुए हैं.