रांचीः राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है. ऐसे विकट समय में शिक्षण संस्थानों ने ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देने का सार्थक कार्य किया. राज्यपाल रविवार को सिदो कान्हु मूर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के स्थापना दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व नोवेल कोराना वायरस की चुनौती से प्रभावित है. इसका प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ा है. शिक्षा जगत पर भी नोवेल कोरोना वायरस का गहरा प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. शिक्षण संस्थान बंद होने के कारण विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
संताल परगना क्षेत्र में विद्यार्थियों के मध्य ऑनलाइन क्लासेज हेतु इंटरनेट की सर्वसुलभता और स्पीड एक चुनौती रही है. विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से मार्गदर्शन न मिलने के कारण उनकी शिक्षा बाधित हुई. फिर भी आशा है कि कि गुरूजनों के मार्गदर्शन से वे अपनी मेधा की बदौलत पीछे नहीं रहेंगे और मंजिल को हासिल अवश्य करेंगे. आज बदलते दौर में तकनीक के माध्यम से आप सभी से जुड़ पाई हूं.
आज इस विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आप सभी के बीच इस तकनीक के माध्यम से सम्मिलित होकर अपार प्रसन्नता हो रही है. किसी भी विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थान का स्थापना दिवस उत्साह एवं उमंग का होने के साथ-साथ आत्म-अवलोकन, आत्म-निरीक्षण एवं आत्म-चिंतन का भी होता है कि हम स्थापना के उद्देश्यों को मूर्त रूप प्रदान करने की दिशा में कहां तक सफल हो पाये हैं? यदि किन्हीं क्षेत्रों में सफलता अर्जित नहीं कर पाये हैं, तो उनकी क्या-क्या कारण अथवा वजहें हैं? इस परिप्रेक्ष्य में चाहिए कि इन सब बिन्दुओं पर विचार करते हुए प्रगति की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ें. सम्पूर्ण शिक्षा जगत के लिए यह अत्यंत आवश्यक है.