रांची: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनोहरपुर विधानसभा सीट के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा की जोबा मांझी और भाजपा के गुरुचरण नायक एक बार फिर आमने-सामने है. जोबा मांझी अपने दिवंगत पति देवेंद्र मांझी की विरासत पर भरोसा है, वहीं गुरुचरण नायक को भाजपा के परंपरागत मतदाताओं पर भरोसा है. हालांकि इस बार मनोहरपुर विधानसभा से भाजपा और झामुमो के अलावा जदयू तथा आजसू सहित 14 उम्मीदवार चुनावी दंगल में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और एक दूसरे को पटकनी देने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं.
सारंडा और पोडाहाट अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र
मनोहरपुर विधानसभा का अधिकांश क्षेत्र सारंडा और पोडाहाट का अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र है और लौह अयस्क खनिज संपदा सहित वन संपदाओं से आच्छादित है. इस निर्वाचन क्षेत्र में उग्रवाद के साथ ही गरीबी -बेरोजगारी ,पलायन और विकास मुख्य समस्या है, जो इस बार के चुनाव में मुद्दा है. मनोहरपुर विधानसभा में विगत 20 वर्षों से वर्तमान विधायक जोबा मांझी का कब्जा रहा है, इससे पूर्व उनके पति स्वर्गीय देवेन्द्र मांझी भी मनोहरपुर से विधायक रह चुके हैं.
जल जंगल जमीन आंदोलन के प्रणेता रहे स्वर्गीय देवेन्द्र मांझी के राजनीतिक विरासत को जोबा मांझी संभाल रही हैं. जोबा मांझी लगातार 3 बार 15 वर्षो तक विधायक रही, एकीकृत बिहार से लेकर झारखंड अलग राज्य निर्माण के समय जोबा मांझी आदिवासी बाल कल्याण आवास मंत्री रही.
2009 में भाजपा के गुरुचरण नायक पहली बार जोबा मांझी को हराकर विधायक बने. 2014 में फिर जोबा मांझी ने भाजपा प्रत्याशी गुरुचरण नायक को हराकर विधायक बनी. इस बार भाजपा से टिकट की उम्मीद पाले बैठी भाजपा नेता विश्राम मुंडा की पत्नी डिंपल मुंडा टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर जदयू का दामन थाम लिया है और जदयू के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रही हैं. जबकि आजसू ने भी बिरसा मुंडा को अपना प्रत्याशी बनाया है.
गरीबी ,बेरोजगारी, विस्थापन और पलायन है गंभीर समस्या
मनोहरपुर विधानसभा में अकूत खनिज और वन संपदाओं के बावजूद गरीबी, बेरोजगारी, विस्थापन पलायन की गंभीर समस्या है जो चुनाव में मुद्दा बना है.
मनोहरपुर में वर्तमान भाजपा की रघुवर सरकार द्वारा स्टील प्लांट लगाने की योजना बनाई गई थी, ताकि क्षेत्र का विकास हो और लोगों को रोजगार मिले, मगर यह योजना आज तक धरातल पर नहीं उतर पायी.
क्षेत्र के लोग विकास की बाट जोह रहे है, भुखमरी- गरीबी, रोजगार- पलायन, अशिक्षा अन्धविश्वास क्षेत्र में प्रमुख समस्या है. चुनावी रणक्षेत्र मे प्रत्याशी एक दूसरे से जोर आजमाइश में जुटे हैं अब देखना है कि मनोहरपुर की जनता किसे जीत का सेहरा पहनाती है.