दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप काफी विचार-विमर्श के बाद दिया जिनसे किसानों को ”नए अधिकार और नए अवसर” मिले हैं.
मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, ”भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं. बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं. किसानों की वर्षों से कुछ मांगें थीं और उन्हें पूरा करने के लिए हर राजनीतिक दल ने कभी न कभी वादा किया था, लेकिन वे कभी पूरी नहीं हुईं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”संसद ने काफी विचार-विमर्श के बाद कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया. इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार और अवसर भी मिले हैं.”
गौरतलब है कि संसद द्वारा मानसून सत्र में पारित तीन कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद कानूनों के रूप में लागू किया जा चुका है जिनका कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं और अनेक किसान सड़कों पर उतर आए हैं.
‘मन की बात’ में मोदी ने देशवासियों को बताया कि 1913 के आसपास वाराणसी के एक मंदिर से चुराई गई देवी अन्नपूर्णा की प्राचीन प्रतिमा को कनाडा से भारत वापस लाया जा रहा है.इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने शिक्षण संस्थानों से नई, नवोन्मेषी पद्धतियां अपनाने और पूर्व छात्रों को जोड़ने के लिहाज से रचनात्मक मंच तैयार करने को कहा. उन्होंने पूर्व छात्रों का भी अपने संस्थानों के लिए कुछ करते रहने का आह्वान किया.