जमशेदपुर : जमशेदपुर में कोरोना के बढ़ते मरीजों के बीच टाटा स्टील के लिए राहत की खबर यह है कि कंपनी के करीब 20 प्रतिशत कर्मचारियों में एंटीबाडी डेवलप हो गया है. इससे कंपनी के अन्य कर्मचारियों पर कोरोना का खतरा कम हो गया है. इस बात का खुलासा टाटा ग्रुप की ओर से टाटा स्टील में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कराए गए एंटीबाडी (सीरोलाजी) टेस्ट में हुआ है. हालांकि प्रबंधन की ओर से रिपोर्ट की एनालिसिस के बाद ही अधिकारिक जानकारी देने की बात कही गई है. देश दुनिया में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए टाटा ग्रुप की कंपनी ‘टाटा ब्रिजीटल कोविड सेफ्टी सर्विसेज’ की ओर से कर्मचारियों की एंटीबाडी टेस्ट कराने का निर्णय लिया गया है.
इसी के तहत ग्रुप की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के तहत जमशेदपुर प्लांट का चयन किया गया है. 26 जून से कंपनी के फ्रंटलाइन 6256 ठेका और स्थायी कर्मचारी का चयन कर टेस्ट शुरु हुआ. पहले चरण में 3026 कर्मचारियों का टेस्ट हुआ है, जिनकी रिपोर्ट भी आ चुकी है. रिपोर्ट पर एक्सपर्ट और डॉक्टर की टीम विश्लेषण कर रही है. टाटा स्टील की ओर से बताया गया है कि एनालेसिस के बाद ही रिपोर्ट पर स्पष्ट जानकारी दी जा सकती है. वहीं बाकी बचे 50 प्रतिशत कर्मचारियों की टेस्ट शुरु हो गया है जो अगले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा.
एंटी बॉर्डी टेस्ट में तीन तरह की रिपोर्ट आती है, जिसमें आइजीजी पॉजिटिव, आइजीजी निगेटिव और इक्यूवोकल रिपोर्ट शामिल है. इस टेस्ट के माध्यम से पता लगाया जा सकता है कि किसी में पूर्व में कोरोना का लक्षण था या नहीं, उसे कोरोना प्रभावित कर सकता है या नही. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वह व्यक्ति दूसरे को प्रभावित कर सकता है. यह पहले पोजिटिव हुआ था तो हो सकता है कि पहले प्रभावित किया हो या उससे कोई और भी संक्रमित हुआ हो, लेकिन सकारात्मक पहलु यह है कि उसका प्लाज्मा थेरेपी हो या फिर अन्य विधियों से दूसरे मरीजों को ठीक करने में भी मदद मिल सकती है