नई दिल्लीः 2012 के दर्दनाक दिल्ली गैंगरेप के आरोपियों की सजा तो तय हो चुकी है. एक फरवरी 2020 को चारों हैवानो को फांसी दी जाएगी.
इसी बीच निर्भया केस के चारों दोषियों में से एक पवन कुमार ने अब अपराध के वक्त खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन (एसएलपी) दाखिल की है.
दोषी पवन कुमार गुप्ता ने हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें अदालत ने फर्जी दस्तावेज जमा करने और अदालत में हाजिर नहीं होने के लिए उनके वकील की निंदा भी की थी.
कानून के जानकारों के मुताबिक पवन को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिल पाएगी. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी पवन की नाबालिग बतानेवाली याचिका खारिज कर दी थी.कोर्ट ने पवन के वकील एपी सिंह पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया था.
पवन कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर दावा किया था कि दिसंबर 2012 में घटना के वक्त उसकी उम्र 18 साल से कम थी.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया केस के दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका भी खारिज कर दी है. दरअसल, क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद मुकेश ने राष्ट्रपति के पास दया के लिए गुहार लगाई थी. अब उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा है.
इधर, दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने आज निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वॉरंट जारी किया है। चारों दोषियों-मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर व पवन गुप्ता को अब 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा.
चारों को पहले 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी. कोर्ट को तिहाड़ जेल अधिकारियों ने सूचना दी थी कि मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है. इसके बाद कोर्ट ने नया डेथ वॉरंट जारी किया। इधर नया डेथ वॉरंट जारी होने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, ‘कल सिसोदिया साहब कह रहे थे कि पुलिस दे दीजिए तो दो दिन में फांसी देकर दिखाऊंगा.
इसमें पुलिस से क्या मतलब है. अब मुझे लग रहा है कि ये लोग मेरी बेटी की मौत को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
अच्छा होता ये कहते कि पुलिस दे दीजिए, मैं 6 महीने में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करके दिखाता हूं. मैं अदालतों, सरकार और पूरे सिस्टम से निराश हूं. मैं नहीं जानती कि उन्हें फांसी दी जाएगी या तारीख फिर आगे बढ़ेगी.
आप ने मांगा बीजेपी का साथ
निर्भया के दोषियों को फांसी में हुई देरी पर बीजेपी की ओर से निशाना साधे जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘ऐसे एक दूसरे के ऊपर दोष देने से कुछ नहीं होगा. हम सबको मिलकर काम करना चाहिए.
सबसे पहले केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार और न्यायपालिका मिलकर दोषियों को फांसी दिलवाएं. दूसरा जरूरी ये है कि हमें ऐसा सिस्टम बनाना है कि अगली बार कोई भी ऐसा काम करें तो उसे 6 महीने के अंदर फांसी होनी चाहिए और तीसरा ये कि अपने शहर को अपनी बहू- बेटियों के लिए सुरक्षित बनाना है इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए.
वहीं मां आशा देवी के आरोपों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पीड़िता की मां को ‘गुमराह’ किया जा रहा है.
आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा कि दिल्ली सरकार के ऊपर जो भी जिम्मेदारियां थी, उसने कुछ ही घंटों में उन्हें पूरा कर दिया.