दिल्ली: साल 2012 में दिल्ली में दंरिदों की हैवानियत का शिकार हुई निर्भया को आज सात साल के बाद इंसाफ मिला है. तमाम कानूनी दांवपेच के बाद भी निर्भया के दोषियों को फांसी टालने में कामयाबी नहीं मिली. निर्भया के दोषियों को आखिरकार फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया गया है. दोषियों के फांसी के फंदे पर लटकाए जाने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज उन्हें इंसाफ मिला है, लेकिन उनकी लड़ाई जारी रहेगी.
आशा देवी ने कहा कि हमारा सात साल का जो संघर्ष है, वो आज काम आया है. पहली बार देश में चार लोगों को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया है, हमें देर से ही सही लेकिन इंसाफ जरूर मिला है. इसके लिए देश की सरकार, राष्ट्रपति और अदालतों को धन्यवाद. हमारी बेटी के साथ जो हुआ उससे पूरा देश शर्मसार हुआ था लेकिन अब जब इन दोषियों को फांसी दी गई है, तो दूसरी बेटियों को भी इंसाफ मिलने की उम्मीद जागी है.
क्या कहा निर्भया की मां ने?
इस फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी ने खुशी जताई और कहा कि सात साल का संघर्ष आज पूरा हो रहा है. निर्भया की मां ने कहा है कि वह 20 मार्च को निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगीं.
फैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि 7 साल के बाद आखिर हमें इंसाफ मिला है, देश के लोगों ने निर्भया के लिए लड़ाई लड़ी है. आशा देवी बोलीं कि 20 मार्च का दिन निर्भया के नाम, देश की बेटियों के नाम पर याद रखा जाएगा.