गोवा: जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को बड़ी राहत दी है. निर्मला सीतारमण ने कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती कर दी है. कंपनियों के लिए नया कॉर्पोरेट टैक्स 25.17 फीसदी तय किया गया है. इसके अलावा कंपनियों को कोई और टैक्स नहीं देना होगा. पहले यह दर 30 फीसदी थी. कैपिटल गेन्स पर सरचार्ज खत्म हो गया है. कॉर्पोरेट कर की दर घटाने से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है. वित्त मंत्री के एलान के बाद शेयर बाजार में जोरदार उछाल देखने को मिला. इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अध्यादेश लाकर घरेलू कंपनियों, नयी स्थानीय विनिर्माण कंपनियों के लिये कॉर्पोरेट कर कम करने का प्रस्ताव दिया.
कंपनी के पास होगा ये विकल्प
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यदि कोई घरेलू कंपनी किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं लेती है, तो उसके पास 22 फीसदी की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प होगा. जो कंपनियां 22 फीसदी की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प चुन रही हैं, उन्हें न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी. अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर 25.17 फीसदी होगी.
सीतारमण ने कहा कि 1 अक्टूबर के बाद बनी नयी घरेलू विनिर्माण कंपनियां बिना किसी प्रोत्साहन के 15 फीसदी की दर से आयकर भुगतान कर सकती हैं. नयी विनिर्माण कंपनियों के लिये सभी अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर 17.01 फीसदी होगी.
MAT को किया खत्म
इसके साथ ही सरकार ने मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (MAT) भी खत्म कर दिया गया है. एमएटी ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा कमाती हैं, लेकिन रियायतों की वजह से इन पर टैक्स की देनदारी कम होती है.
सरकार ने प्रतिभूति लेन-देन कर की देनदारी वाली कंपनियों के शेयरों की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर बजट में प्रस्तावित उपकर को भी वापस लेने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिये डेरिवेटिव समेत प्रतिभूतियों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर धनाढ्य-उपकर समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है.