पटना: बिहार चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने सोमवार को 7वीं बार सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है और आज सुबह 11 बजे नीतीश अपनी कैबिनेट की पहली बैठक करेंगे. 23 नवंबर को बिहार की नई विधानसभा का पहला सत्र होगा. इस दौरान सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर मनोनित किया जाएगा, जो नए विधायकों को शपथ दिलाएगा.
नीतीश कुमार के साथ ही बिहार में बीजेपी कोटे से 7 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली, जिसमें से तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी उप-मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे. जेडीयू कोटे से 5 मंत्रियों ने शपथ ली तो गठबंधन साझीदार HAM से संतोष मांझी और VIP के मुकेश साहनी ने भी मंत्री बनाए गए.
सियासत के कई रंग देखनेवाले नीतीश कुमार अच्छी तरह समझ रहे होंगे कि आगे की राह आसान नहीं, लेकिन एक सच ये भी है कि नीतीश कुमार के पास ज्यादा राजनीतिक विकल्प नहीं बचे हैं. नीतीश के सामने बिहार के 10 करोड़ से अधिक लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती है.
‘तुम्हारी याद आएगी‘
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को इस बार भाजपा ने उप मुख्यमंत्री पद नहीं दिया, उनकी जगह दो नेताओं को डिप्टी सीएम बनाया गया है. जिसपर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी याद आएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या वह सुशील मोदी को याद करेंगे, नीतीश कुमार ने कहा, “यह भाजपा द्वारा लिया गया निर्णय है. भाजपा ने तय किया है कि कौन मंत्री का पद संभालेगा और बनेगा उपमुख्यमंत्री.’
सुशील मोदी ने ट्विटर पर पोस्ट किया, “भाजपा और संघ परिवार ने 40 साल के राजनीतिक जीवन में मुझे इतना कुछ दिया है. मैं उस जिम्मेदारी का निर्वहन करूंगा, जो मुझे दी जाएगी. कोई भी पार्टी कार्यकर्ता का पद नहीं छीन सकता है.”
सोमवार को, पार्टी के बिहार प्रभारी देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, “सुशील मोदी-जी बिल्कुल परेशान नहीं हैं. वह हमारे लिए एक संपत्ति हैं. पार्टी उनके बारे में सोचेगी, एक नई जिम्मेदारी उन्हें दी जाएगी.”