बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के बहुमत हासिल करने के साथ ही अब नजरें नई बनने वाली सरकार पर टिक गई है. माना जा रहा है कि दिवाली के बाद नीतीश कुमार बतौर मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण कर सकते हैं. सूत्रों के अनुसार नीतीश 16 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इस संबंध में कुछ भी नहीं कहा गया है.
नीतीश कुमार सातवीं बार बनेंगे सीएम
नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. नीतीश सबसे पहले साल 2000 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे और तब से अब तक अलग-अलग मौकों पर वो शपथ ले चुके हैं. इसी के साथ नीतीश बिहार में सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने की राह पर भी बढ़ चले हैं. बिहार में अभी तक सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड श्रीकृष्ण सिंह के नाम पर है जो इस पद पर 17 वर्ष 52 दिन तक रहे थे.
नीतीश कुमार इस पद पर अभी तक 14 वर्ष 82 दिन तक रह चुके हैं. इससे पहले बुधवार रात जेडीयू और बीजेपी नेताओं के बीच बैठक हुई और अगली सरकार बनाने को लेकर चर्चा की गई. माना जा रहा है कि आज नीतीश आज पार्टी दफ्तर जाएंगे और मीडिया से भी बात कर सकते हैं.
बता दें कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को कुल 125 सीटें मिली हैं. इसमें बीजेपी को 74 सीटें मिली हैं. जेडीयू को इसमें 43, हम को 4 और वीआईपी को 4 सीटें मिली हैं. वहीं, दूसरी ओर तेजस्वी यादव की अगुवाई वाला महागठबंधन 110 सीटें हासिल कर सका.
नीतीश कब-कब बने हैं बिहार के मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार ने पहली बार साल 2000 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि बहुमत के लिए जरूरी विधायकों का समर्थन नहीं मिलने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद साल 2005 में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलने पर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने.
इसके बाद साल 2014 में लोकसभा चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन को देखते हुए नैतिक आधार पर नीतीश कुमार ने सीएम पद त्याग दिया था. उन्होंने जीतनराम मांझी को ये जिम्मेदारी सौंपी. हालांकि एक वर्ष से भी कम समय में वह सत्ता में वापस लौटे.
वहीं, साल 2015 में नीतीश कुमार के जेडीयू और लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी ने महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ा था जिसमें जीत हासिल हुई थी. कुछ दिनों बाद तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम धनशोधन के मामले में सामने आने पर उन्होंने जुलाई 2017 में इस्तीफा दे दिया था. फिर अगले दिन ही नीतीश कुमार ने बीजेपी के सहयोग से नई सरकार बना ली थी.