दरभंगा: नगर निगम की महापौर वैजयंती खेरिया के खिलाफ कई दिनों से चल रही मुहिम आखिरकार असफल हुई. जिला परिसद के कार्यालय में शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर हुए मतदान में 31 मत को प्राप्त कर अपनी कुर्सी को बचाने में सफल रही.
वहीं विरोधी पक्ष के द्वारा 24 वार्ड पार्षदों के द्वारा लगाये गए अविश्वास प्रस्ताव में मतदान के वक्त 17 वार्ड पार्षद ही पहुंच पाये. उसमें से भी 13 वार्ड पार्षदों द्वारा मेयर के खिलाफ मतदान किया गया.
विक्षुब्ध खेमे ने लगाया खरीद-फरोख्त का आरोप
वहीं जीत की खबर सुनने के बाद महापौर के साथ उनके खेमे के जितने भी वार्ड पार्षद थे, वे जिला परिषद कार्यालय पहुंचकर जश्न मनाया.
विक्षुब्ध खेमे की वार्ड 21 की पार्षद मधुबाला सिन्हा ने अपने समर्थकों के साथ खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ पार्षदों ने अपनी जमीर बेचकर खेडिया हाउस में शरण लिए हुए.
उन्होंने कहा कि पार्षदों में इतनी हिम्मत थी, तो आज के सदन में उपस्थित होते. लेकिन सदन में उपस्थित नही होना, इससे साफ जाहिर होता है कि कुछ पार्षद धन बल के आगे नतमस्तक हैं.
महापौर ने पार्षदों को दिया धन्यवाद
दरभंगा नगर निगम महापौर वैजयंती खेड़िया ने खुशी इजहार करते हुए अपने खेमे के सभी वार्ड पार्षदों को धन्यवाद देते हुए कहा कि अच्छे काम करने वाले लोगो की जीत हमेशा होती है. मुझ पर अविश्वास प्रस्ताव लगाने वाले वार्ड पार्षदों को मुंहतोड़ जबाब मिला है.
गैरतलब है कि बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 के मुताबिक, महापौर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने के लिए 24 वोट जरूरी हैं, क्योंकि दरभंगा नगर निगम में 48 वार्ड पार्षद हैं.