नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर समेत इसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण फैलाने वालों की अब खैर नहीं. प्रदूषण फैलाने पर 5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. इतना ही नहीं 5 साल तक की सजा भी हो सकती है. इसके लिए केंद्र सरकार ने एक आयोग का गठन भी किया है.
आयोग बनाने के लिए अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी भी दे दी है. ये आयोग दिल्ली-एनसीआर और इससे सटे राज्य हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और यूपी में वायु प्रदूषण को रोकने के साथ-साथ उपाय बताने और उसे मॉनिटर करेगी.
इस आयोग में एक अध्यक्ष और 17 सदस्य होंगे, जिन्हें केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त किया जाएगा. इसमें इसरो के प्रतिनिधि भी होंगे. यह आयोग ईपीसीए (EPCA) की जगह लेगा. आयोग का मुख्यालय दिल्ली में होगा और इसके आदेश को सिर्फ NGT में ही चुनौती दी जा सकेगी. इस बीच, गुरुवार सुबह में देश की राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता (AQI) बहुत ही गंभीर स्तर तक पहुंच गई. लोगों का सांस लेना दूभर हो गया.
इस आयोग के बनने से तमाम टॉस्क फोर्स, कमेटी और एक्सपर्ट ग्रुप के बीच किसी मुद्दे पर होने वाला मतभेद खत्म हो जाएगा और सिनर्जी में काम होगा. सबसे खास बात ये कि इस आयोग के आदेश को सिर्फ एनजीटी में ही चुनौती दी जा सकती है. आज सुप्रीम कोर्ट में बढ़ते प्रदूषण के मसले पर सुनवाई भी है.