पलामू: अक्सर यह देखने और सुनने में आता है कि लोग धनबल के प्रभाव में आकर किसी उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग कर देते हैं. लेकिन पलामू के पांडू प्रखंड क्षेत्र के लोगों ने विकास को प्राथमिकता दी और इलाके की सड़कें नहीं बनने पर अपनी नाराजगी वोट बहिष्कार कर व्यक्त किया. पूर्व में ही उन्होंने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया था और अंत तक इस पर अडे़ रहे. एक वोट तक नहीं डाला. दिनभर मतदान केन्द्र सुनसान पड़े रहे. पूरे दिन पलामू के एडिशनल कलक्टर ग्रामीणों को समझाते रहे, लेकिन एक भी ग्रामीण ने अपने निर्णय को नहीं बदला.
पांडू के छह गांवों में नहीं हुई वोटिंग
पलामू के बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पांडू प्रखण्ड के छह गांव लवरपांडू, कोल्हपांडू, असनौलिया, गोल्हेटाड़, गगनकेड़ी, विशुनपुर के ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाते हुए वोट बहिष्कार किया. मतदान केंद्र पर केवल प्रजाइडिंग ऑफिसर की टीम बैठी थी. एक भी वोटर नजर नहीं आए.
1333 मतदाताओं ने किया वोट बहिष्कार
उत्क्रमित मवि लवरपांडू के बूथ संख्या 282 में 661 मतदाता हैं, वहीं राउमवि असनौलिया के बूथ संख्या 287 में 672 मतदाता हैं. कुल 1333 मतदाताओं ने पूरी तरह से वोट को बहिष्कार करते हुए एक भी मतदान नहीं किया.
वोट बहिष्कार की जानकारी मिलते ही एडिशनल कलक्टर ने शनिवार को बहिष्कार किये दोनों बूथों पर
पहुंचकर जायजा लिया एवं मतदातों से मतदान करने का अपील की. इस अवसर पर एडिशनल कलक्टर ने कहा कि आचार संहिता लागू हो जाने के सड़क का निर्माण कार्य शुरुआत नहीं हो पाया, लेकिन 15 जनवरी से निर्माण कार्य की शुरुआत हो जायेगी. जून माह तक सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण कर लिया जायेगा. लेकिन ग्रामीण अपने निर्णय पर अड़े रहे.
मौके पर एडिशनल कलक्टर ने आरईओ विभाग के इंजीनियर को काफी पटकार भी लगायी. उन्होंने कहा कि जानकारी मिली रहती तो अबतक निर्माण कार्य फाइनल हुआ रहता. सड़क का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत दो करोड़ की लागत से किया जाएगा.
सभी जनप्रतिनिधियों ने उन्हें झूठा आश्वासन दियारू ग्रामीण
ग्रामीणों ने कहा कि जो भी जनप्रतिनिधि आये, सभी ने झूठा आश्वासन दिया और छलने का काम किया. मालूम हो कि पांडू मुख्य पथ के बंधेराज से लवरपांडू तक छः किलोमीटर तक काफी जर्जर सड़क है, जिसे लेकर कई बार ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि एवं पदाधिकारियों से सड़क निर्माण के लिए आग्रह किया था, लेकिन किसी ने भी गम्भीरता से इसे नहीं लिया. नतीजा चुनाव पूर्व ग्रामीणों ने सड़क नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया और अंत तक इसपर अड़े रहे.
उल्लेखनीय है कि बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचन्द्र चन्द्रवंशी हैं. ऐसे मंत्री चन्द्रवंशी द्वारा विकास के बड़े-बड़े वादे किए जाते रहे हैं, लेकिन उपरोक्त गांव में सड़क का नहीं बनना, उनके वादों की पोल खोल कर रख देती है.