🛑 खास बातें:-
👉 कांके में प्रतिबंधित सूची वाली गैरमजरूआ जमीन की जमाबंदी होगी रद्द
👉 विशेष जांच दल ने पकड़ा मामला तैयार की रिपोर्ट दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा
👉 पूर्व डीजीपी की पत्नी सहित 15 लोगों के नाम जमीन की हुई थी रजिस्ट्री और म्यूटेशन
रांचीः झारखंड पुलिस के पूर्व डीजीपी डीके पांडेय ने रैयती नहीं गैरमजरूआ जमीन खरीदी है. सरकार अब इनके जमीन की जमाबंदी रद करेगी. राज्य सरकार के आदेश पर गठित विशेष जांच दल ने रांची के कांके अंचल स्थित चामा मौजा की विवादित जमीन मामले की जांच पूरी कर सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है.
जांच रिपोर्ट के अनुसार, चामा मौजा में पूर्व डीजीपी डीके पांडेय, उनकी पत्नी पूनम पांडेय सहित 15 लोगों को प्रतिबंधित सूचीवाली गैर मजरूआ जमीन की रजिस्ट्री की गई थी. अब जांच में पुष्टि के बाद सभी जमाबंदी रद्द होगी. इसके लिए विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
बताते चलें कि रांची के कांके अंचल स्थित जामा मौजा में पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी पूनम पांडे सहित 15 लोगों को प्रतिबंधित सूची वाली गैरमजरूआ जमीन की रजिस्ट्री की गई. साथ ही इसका दाखिल खारिज भी अंचल कार्यालय ने कर दिया.
इस मामले की सरकार द्वारा गठित कमेटी ने जांच पूरी कर ली. कमेटी ने जमीन की जमाबंदी रद्द करने की अनुशंसा की है. साथ ही दोषी पदाधिकारियों व कर्मियों पर भी कार्रवाई करने के लिए कहा है.
मामले में आईएएस अधिकारी ए मुथुकुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने जांच रिपोर्ट तैयार की. जांच के दौरान कमेटी ने पाया कि इस मामले में गैरमजरूआ जमीन जो कि प्रतिबंधित सूची में दर्ज है, उसकी रजिस्ट्री और दाखिल खारिज की गई है.
यह जमीन थाना संख्या 55 खाता संख्या 87 के प्लॉट संख्या 1232 से संबंधित है. इसमें 2.69 एकड़ जमीन अमोद कुमार के नाम हस्तांतरित की गई है. यह हस्तांतरण देवी लाल शर्मा द्वारा अपने पोते अमोद कुमार को 18 फरवरी 1986 को किया गया.
जांच मैं यह भी पाया गया है कि बिना सक्षम आधार के अमोद कुमार के नाम जमाबंदी दर्ज की गई है. इसमें किसी सक्षम पदाधिकारी का आदेश भी नहीं है. ऐसे में यह संदेह उत्पन्न होता है कि इस अमोद कुमार से ही 15 रही है तो ने करीब 188 डिसमिल जमीन की खरीद की है.
जांच दल ने पाया है कि यह जमीन सर्वे खतियान के अनुसार, गैरमजरूआ मालिक की है. इसके खेवट दा राजा उदय प्रताप नाथ शाहदेव हैं. बाद में 5 एकड़ जमीन में से 2 पॉइंट सिक्स 9 एकड़ जमीन की जमाबंदी कलेक्टर द्वारा देवीलाल शर्मा के पक्ष में की गई थी, तब से लगान की वसूली की जा रही है.
देवीलाल शर्मा ने इसी जमीन को 18 फरवरी 1986 में अपने प्रमोद कुमार के नाम हस्तांतरण किया था. जांच दल ने लिखा है कि खाता संख्या 87 के सभी 67 खेसरा प्रतिबंधित सूची के साथ ही लैंड बैंक में कांके अंचल द्वारा शामिल किया गया है, जो निजी तौर पर अहस्तांतरणनीय किए हैं.