दुमका:- आजादी के बाद कई दशक तक दुमका शहर की प्यास बुझाने वाली हिजला पेयजल आपूर्ति योजना लगभग दो दशक के बाद एक बार फिर लोगो के लिए कायाकल्प के साथ शुरू होने को तैयार है.इस बार इस महत्वकांक्षी योजना से शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति की तैयारी की गई है.कभी दुमका शहरी क्षेत्र के लिए सबसे भरोसेमंद हिजला पेयजल आपूर्ति योजना अब दुमका के ग्रामीण क्षेत्रों में बसी आबादी का गला तर करेगी. इसके लिए पेयजल स्वछता विभाग साढ़े छह करोड़ रुपये खर्च कर जून के अंत तक कार्यों को पूरा कराने के फिराक में है ताकि गर्मी में ग्रामीणों का गला तर हो सके.
इसके लिए पेयजल स्वच्छता विभाग साढ़े छह करोड़ रुपये खर्च कर जून के अंत तक कार्यों को पूरा कराने के फिराक में है, ताकि गर्मी में ग्रामीणों का गला तर हो सके.
पूर्व में हिजला गांव से होकर गुजरने वाली मयूराक्षी नदी तट से पानी खींच कर हिजला पहाड़ पर बनाई गई टंकी के माध्यम से दुमका शहर में पेयजल की आपूर्ति होती थी. मयूराक्षी नदी का जल स्तर घटने और शहर की आबादी व दायरा बढ़ने के कारण हाल के दशक में हिजला पेयजलापूर्ति की व्यवस्थाएं ठप होने लगी थीं. इस स्थिति को ध्यान में रखकर ही शहरी क्षेत्र की आबादी के लिए वर्ष 2011 में बास्कीचक में बनाई गई नई शहरी पेयजलापूर्ति योजना की शुरुआत की गई है. वहीं हिजला पेयजलापूर्ति योजना को अब ग्रामीण आबादी के लिए फिर से तैयार किया जा रहा है.
साढ़े तीन करोड़ की लागत से नए सिरे से तैयार हो रहीं आधारभूत संरचनाएंः हिजला ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना पर साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है. मयूराक्षी नदी में नया इंटेक वेल निर्माणाधीन है, जबकि पुराने परिसर में ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, पंप हाउस, केमिकल रूम, फिल्टर बेड समेत तमाम आधारभूत संरचनाएं बनकर तैयार हैं. इंटेकवेल का निर्माण कार्य भी मार्च के अंत तक पूरा होने की संभावना है. इसके अलावा इंटेकवेल से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पाइप बिछाने का कार्य कराया जाना है. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता तीन एमएलडी प्रतिदिन की है. मतलब यह कि इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 30 लाख लीटर की होगी, जबकि इस परियोजना के लिए पूर्व में हिजला पहाड़ पर बनाए गए पानी टंकी का ही इस्तेमाल किया जाएगा. पेयजल स्वच्छता विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में हिजला ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना को पानी पहुंचाने के लिए हाउस कनेक्शन के लिए तीन करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके लिए टेंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
पेयजल एवं स्वछता विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि चिह्नित गांवों में लगभग 2500 घरों में कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य है. योजना के तहत करीब 10 हजार आबादी को कवर किया जाएगा.अब हिजला शहरी क्षेत्र के बजाए हिजला ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना के नाम से चिह्नित ग्रामीण इलाकों के 2500 घरों तक पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य है. इसके लिए दो चरणों में कार्य कराया जाना है. पहले चरण का कार्य अप्रैल माह तक पूरा हो जाएगा जबकि दूसरे चरण का काम भी जून से पहले पूरा करा लेने का लक्ष्य है.