भोपाल: भोपाल में प्यारे मियां यौन शोषण केस की पीड़िता नाबालिग की मौत की जांच एसआईटी करेगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह इस घटना को लेकर बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने बच्ची की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में बेटी को हम बचा नहीं पाए. यह साधारण घटना नहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इस घटना में जो भी दोषी होगा,कार्रवाई की जाएगी. बैठक में डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, सीएम के ओएसडी मकरंद देउसकर, आईजी भोपाल उपेंद्र जैन तथा भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया मौजूद थे. बैठक में तय किया गया कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाएगी.
पीड़िता की ज्यादा मात्रा में नींद की गोलियां खा लेने के बाद बुधवार को मृत्यु हो गई थी. गुरुवार को पुलिस की निगरानी में दोपहर 1:30 बजे उसका भदभदा विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. जबकि यह नाबालिग इस केस में पीड़िता और फरियादी थी, न कि आरोपी या अपराधी. फिर भी पुलिस शव को हमीदिया अस्तपाल से सीधे श्मशान ले गई. पीड़िता की मां और परिजन घर पर बेटी के शव का इंतजार करते रहे, लेकिन पुलिस उन्हें शव सौंपना ही नहीं चाहती थी.