Ranchi: अब फ्लैट का निबन्धन कारपेट एरिया के आधार पर नहीं सुपर बिल्टअप एरिया के आधार पर होगा. सुपर बिल्टअप एरिया जा भी शुल्क देना होगा. यही नहीं, स्टाम्प भी इसी के आधार पर चुकाना पड़ेगा. इस सम्बन्ध में राजस्व, निबन्धन एवं भूमि सुधार विभाग के उप निबन्धन महानिरीक्षक शहाब सिद्दीकी ने सभी जिला अवर निबन्धक को पत्र भेज दिया है. बताया जाता है की इस बारे नगर विकास एवं आवास विभाग से मन्तव्य भी मांगा गया था. जानकारी के अनुसार अगर कोई फ्लैट या अपार्टमेंट के निबन्धन के वक्त गार्डेन, प्ले ग्राउंड,कम्युनिटी हॉल,हेल्थ क्लब व जिम है तो वो सभी सुपर बिल्टअप एरिया के दायरे में आएगा. अगर कार्पेट एरिया के आधार पर निबन्धन किया जाता है तो खरीददार को उस फ्लैट का कानूनी हक नहीं मिल पायेगा. इस सूरत में सरकार को राजस्व की भी हानि होगी.
क्या होता है कारपेट एरिया:
कारपेट एरिया वह होता है, जो घर के भीतर कारपेट फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यही अपार्टमेंट में इस्तेमाल होने वाला असली क्षेत्र होता है. इसमें दीवार की मोटाई, बालकनी या छत शामिल नहीं होती. तकनीकी रूप से भीतर की दीवारों के बीच की दूरी कारपेट एरिया कहलाती है. इसके अलावा इसमें सीढ़ियां भी शामिल होंगी. अगर वह घर के अंदर हैं तो.
क्या है सुपर बिल्ड-अप एरिया:
किसी कॉम्पलेक्स में एंट्रेस लॉबी, कॉरिडोर, सीढ़ियां, लिफ्ट, जनरेटर लॉबी, क्लब हाउस, सिक्योरिटी रूम और अन्य कॉमन एरिया सुपर बिल्ड-अप एरिया के तहत आते हैं. हालांकि अंडर ग्राउंड संप, वॉटर टैंक, स्वीमिंग पूल, स्पोर्ट्स एरिया, फूलों की क्यारियां और मचान को इसमें शामिल नहीं किया जाता.