टंडवा(चतरा): एनटीपीसी प्रबंधन सरकारी आदेशो को ठेंगा दिखा रही है. वहीं भू-रैयत इस रवैये से त्रस्त है. रैयतों में तिलेश्वर साव, मनोज राणा, हलखोरी साव, तीर्थनाथ साव, हरिहर गुप्ता, अर्जुन माली, भुनेश्वर माली, भुनेश्वर नायक, अवध नायक, भुनेश्वर गुप्ता ने बताया कि एनटीपीसी प्रबंधन बगैर मुवावजा भुगतान किए ही रैयतों की भूमि पर जबरन प्लांट निर्माण कार्य कर रही है. जिससे रैयतों में भारी आक्रोश पनप रहा है.
बुधवार को विस्थापित भू-रैयतों की बैठक स्थानीय नगर भवन में धनंजय सोनी की अध्यक्षता में की गई. इस दौरान कंपनी प्रबंधन की अड़ियल रवैये को लेकर रणनीति तैयार की गई.
जमीन का मुवावजा भुगतान नहीं होने पर प्लांट निर्माण कार्य बंद करने की सहमति बनाई गई. धनंजय सोनी ने बताया कि एनटीपीसी परियोजना अंतर्गत टंडवा, राहम व नईपारम मौजा के सौ एकड़ से ऊपर की भूमि का मुआवजा भुगतान किए बगैर ही निर्माण कार्य किया जा रहा, जिसका विरोध हमेशा की जा रही है.
प्रबंधन द्वारा आयुक्त न्यायलय हजारीबाग में रेभेन्यु विभाग में वाद संख्या 132/19 के तहत मामला दर्ज कराई गई थी. जो खारिज कर दिया गया था, जिसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा एनटीपीसी प्रबंधन से मुवावजा भुगतान करने को लेकर पत्राचार किया गया.
जिसमें टंडवा अंचलाधिकारी अनूप कच्छप के कार्यालय के पत्रांक 370, 371 दिनांक 10/06/2020 के माध्यम से अधिग्रहित भूमि का मुवावजा भुगतान 15 दिनों के अंदर करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद एनटीपीसी प्रबंधन भुगतान नहीं की जा रही है, जिससे रैयतों में एनटीपीसी प्रबन्धन की नीति के विरुद्ध आक्रोश व्याप्त है.