ओडिशा: लॉकडाउन से परेशान हुए भूमिहीन किसानों के लिए ओडिशा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. जिसके तहत उन्हें सरकार लोन मुहैया करवाएगी. इस योजना को ‘बलराम’ नाम दिया गया है. राज्य के 7 लाख किसानों को अगले दो सालों तक इस योजना से लाभ मिलेगा. इसके लिए 1040 करोड़ रुपये का फंड भी निर्धारित किया गया है. ये योजना ओडिशा के हर जिले में लागू होगी.
ओडिशा के अधिकारियों के मुताबिक इससे पहले 2018 में भी सरकार ने ऐसी ही योजना शुरू की थी. जिसे ‘कालिया’ नाम दिया गया था. इस योजना में छोटे और सीमांत किसानों को अलग-अलग दो किश्तों में 10 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी. ओडिशा के कृषि निदेशक एम. मुथुकुमार के मुताबिक भूमिहीन किसानों के लिए ये भारत की पहली योजना है. कालिया योजना के तहत जिलों में कई समूह काम कर रहे हैं. उसी समूह के आधार पर किसानों को आसानी से लोन मिल जाएगा.
इसके अलावा अगले दो सालों तक 1.5 लाख समूह बनाने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें 5-7 किसान शामिल होंगे और इस वर्ष योजना के तहत उन्हें 60 हजार का कृषि लोन मिलेगा. इसमें प्रत्येक समूह को औसतन 1.60 लाख रुपये मिलेंगे. वहीं इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन और एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य और जिला स्तर पर नोडल एजेंसियों के रूप में काम करेगी. यह योजना नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट के सहयोग से आई है.
मामले में कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर वर्ग के किसानों को ऋण देना राज्य के कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक मजबूत कदम होगा. विशेषज्ञों के मुताबिक ओडिशा अपने भूमि सुधार कानून में कृषि भूमि पर किरायेदारी के अधिकार को मान्यता नहीं देता है. इस कानून को भी अब बदलने का वक्त आ गया है.