अब पीड़ित ने हाईकोर्ट में उनके ही खिलाफ जांच की मांग की
झारखंड में सीआईडी के एडीजीपी रह चुके हैं आईपीएस
रांची: झारखंड के चर्चित फर्जी मुठभेड़ बकोरिया कांड की सीबीआई जांच हो रही है इसकी मॉनिटरिंग झारखंड कैडर के आईपीएस अफसर अजय भटनागर कर रहे हैं अब इसको लेकर भी विवाद हो गया है भटनागर झारखंड में सीआईडी के एडीजीपी रह चुके हैं वाह 26 अक्टूबर 2015 से 10 मार्च 2016 तक इस पद पर रहे इस दौरान उन्होंने बागोरिया कांड की फाइल पर कोई टिप्पणी नहीं की । अब वह सीबीआई में है ।कोर्ट ने 22 अक्टूबर 2018 को इस मामले को सीबीआई जांच का आदेश दिया था इसके बाद से मामला सीबीआई के पास है इस मामले के सुपरवाइजरी ऑफिसर झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी को बना दिया गया अब तक इस मामले में चार अनुसंधान नक बदले जा चुके हैं बागोरिया कांड के पीड़ित अजय यादव के पिता जवाहर यादव ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में एक अर्जी दी है उन्होंने लिखा है कि भटनागर इस मामले की जांच को प्रभावित कर रहे हैं वह पूर्व डीजीपी डी के पांडे के करीबी रहे हैं और उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं यादव ने यह भी लिखा है कि जब वह सीआईडी में थे तब भी वह यही प्रयास कर रहे थे उनके खिलाफ इस मामले की जांच होनी चाहिए न्यायालय ने जवाहर यादव के आवेदन को गंभीरता से लिया है आरोप है कि जो अनुसंधान अधिकारियों की ओर से इस मामले में बढ़ता है उसे बदल दिया जाता है झारखंड कैडर के कुछ अधिकारियों को बचाने के लिए यह सब कुछ किया जा रहा है इस मामले में उस समय के जोनल आईजी पलामू के तत्कालीन एसपी सीआईडी के कुछ ऐसे अधिकारी जिन्होंने इस मामले में सुपरविजन दिया था उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई है सीबीआई ने 2 साल की जांच में मुठभेड़ को फर्जी पाया है इस क्रम में उसने कई महत्वपूर्ण साक्ष्य भी जुटाए पलामू में सीबीआई का कैंप कार्यालय भी खोला गया पीड़ित के परिजनों के बयान भी लिए गए साथ ही सीबीआई ने मुठभेड़ का सीन भी रीक्रिएट किया जांच में इसकी पुष्टि हुई कि झारखंड पुलिस ने जो एफ आई आर दर्ज किया है उस पर भी सवाल है इस मुठभेड़ में 12 लोगों की मौत हुई थी जिसमें 11 ग्रामीण थे पकड़कर मारने के बाद सभी ग्रामीणों को वर्दी पहना दी गई थी