चंडीगढ़: पंजाब में बुढ़ापा पेंशन वितरण में बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आ गया है. सरकार द्वारा लाभार्थियों की कराई गई जांच में, 22 जिलों में कुल 70137 लाभार्थी अयोग्य पाए गए हैं, जिन्होंने गलत तरीके से बुढ़ापा पेंशन हासिल करके राज्य सरकार को 163 करोड़ 35 लाख 800 रुपये का चूना लगाया है. अब सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को आदेश जारी किए हैं कि उक्त अयोग्य लाभार्थियों द्वारा बुढ़ापा पेंशन के नाम पर हासिल की गई राशि वसूली जाए.
उल्लेखनीय है कि पंजाब में अकाली-भाजपा सरकार के दौरान बुढ़ापा पेंशन वितरण में भेदभाव और अयोग्य लोगों को लाभ पहुंचाने की कई शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए सूबे की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने सभी पेंशनधारकों की जांच के आदेश दिए थे. हालांकि सरकार ने इस दौरान नए पात्र पेंशनधारकों को अपने नाम सूचीबद्ध कराने का मौका भी दिया और जांच में अयोग्य पाए जा रहे लोगों को पेंशनधारकों की सूची से बाहर भी किया जाता रहा.
अब जांच का काम पूरा होने के बाद सरकार ने पाया कि अयोग्य लाभार्थियों ने एक बड़ी रकम ऐंठ ली है, जिसे वापस लेना जरूरी है. बुढ़ापा पेंशनधारकों की जिलेवार जांच में, संगरूर जिले में सबसे ज्यादा 12573 लाभपात्री अयोग्य पाए गए, जिन्होंने कुल 19.95 करोड़ रुपये पेंशन के नाम पर हड़प लिए हैं. इनके अलावा, बठिंडा के 8720 अयोग्य लाभार्थियों ने 17 करोड़ रुपये, मानसा के 6663 लाभार्थियों ने 18.87 करोड़ रुपये,
अमृतसर के 7853 अयोग्य लाभार्थियों ने 19.95 करोड़ रुपये, मुक्तसर के 7441 अयोग्य लाभार्थियों ने भी 19.95 करोड़ रुपये, बरनाला के 541 अयोग्य लाभार्थियों ने 1.5 करोड़ रुपये, फरीदकोट के 714 अयोग्य लाभार्थियों ने 33.76 लाख रुपये, फतेहगढ़ साहिब के 479 अयोग्य लाभार्थियों ने 19.95 करोड़ रुपये, फिरोजपुर और फाजिल्का में भी 19.95-19.95 करोड़ रुपये, गुरदासपुर में 4120 अयोग्य लोगों ने 11.67 करोड़,
होशियारपुर में 1025 अयोग्य ने 3.2 करोड़, जालंधर में 1166 अयोग्य लोगों ने 3.40 करोड़, कपूरथला में 394 अयोग्य ने 1.55 करोड़, लुधियाना में 1954 अयोग्य ने 4.48 लाख, मोगा में 1728 लोगों ने 4.80 करोड, पठानकोट में 116 लोगों ने 18.59 लाख, मोहाली में 719 लोगों ने 32.74 लाख, नवांशहर में भी 19.95 करोड, रोपड़ में 672 लोगों ने 1.78 करो़ड़, तरनतारन में 3207 लोगों ने 2.16 करोड़ रुपये हड़प लिए हैं.
सरकार की ओर से सभी जिला उपायुक्तों को आदेश दिए गए हैं कि जांच के दौरान अयोग्य पाए गए लाभार्थियों से पैसा वसूलने के लिए प्रत्येक जिले में जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाए और जो लाभार्थी कम उम्र के कारण अयोग्य पाए गए हैं, के आयु के दस्तावेज चेक करके कमेटी रिकवरी का फैसला ले. जिन लाभार्थियों ने आवेदन के समय अपनी असल आमदन छुपाई है, से भी रिकवरी की जाए. इसके अलावा जमीन के मालिक और लाबार्थी बने लोगों से भी पूरी भी रिकवरी की जाए.