गिरिडीह: अपनी बेटी के साथ मुंबई गए वृद्ध नोखलाल साव व उनकी पत्नी वहां की भीड़ में बिटिया से बिछड़ गए. परेशान हाल में इस दंपती का दर्द देख एक सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया में उसकी व्यथा वायरल कर दी और उन्हें गिरिडीह भिजवाया.
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने सोशल मीडिया से जब उसकी स्थिति जानी तो तत्काल गरीब को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए गिरिडीह के प्रधान जिला जज वीणा मिश्रा को निर्देश दिया. जिला जज ने एक दिन में ही पहल करते हुए एक दिन में ही पेंशन और सहायता राशि उसे उपलब्ध कराई. उन्होंने दंपती के लिए मकान भी स्वीकृत कराया.
अपने अधिकार से कोई वंचित नहीं रहे, इसे लेकर प्रधान जिला जज सह डालसा की अध्यक्ष वीणा मिश्रा ने सोमवार को अपने कक्ष में दंपती को की गई मदद की जानकारी दी. उनका कहना था कि जब प्रशासन और अधिकारी इस हकीकत से अंजान हों तो न्यायालय को आगे आना पड़ता है. डालसा इस दिशा में लगातार कार्य कर रहा है. हम ऐसे गरीबों की ढाल बनकर काम कर रहे हैं. नोखलाल साव के परिवार की देखभाल के लिए जमुआ बीडीओ और हीरोडीह थानेदार को जिम्मेदारी दी गई है. 15-15 दिनों में उसकी समीक्षा की जाएगी. इससे उसकी संपत्ति सुरक्षित रहेगी. चीफ जस्टिस प्रतिदिन फोन से इसकी जानकारी ले रहे हैं.
सीजेएम मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि नोखलाल जैसे अन्य जरूरतमंदों को भी लाभ दिलाया जाएगा. अधिकारी भले अनजान हों पर न्यायालय सजग है. डालसा के सचिव संदीप कुमार बर्तम ने कहा कि रविवार को डालसा की टीम नोखलाल के घर जाकर उससे मिली. उसका कच्चा मकान जल्द पक्का होगा. इस दौरान रजिस्ट्रार निशिकांत भी मौजूद थे.