आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने की मिलती है झलकियां
हजारीबाग: हजारीबाग में बच्चों की जिद पर एक मिस्त्री पिता द्वारा तैयार देसी जुगाड़ से बनी बैटरी वाली कार आजकल इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस जुगाड़ तकनीक से बनी कार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलौना के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने की झलकियां भी नजर आती है.
बच्चों की जिद के आगे लोगों की एक न चलती है. कभी-कभी बच्चों की यही जिद कमाल कर जाती है. ऐसा ही कुछ हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड में देखने को मिला है. लॉकडाउन में छोटे बच्चे की कार की जिद ने पिता अलाउद्दीन उर्फ कल्लू मिस्त्री को देसी जुगाड़ से बैटरी वाली कार के निर्माण की प्रेरणा दी और उन्होंने देसी जुगाड़ से बैटरी वाली कार बना दी.
देसी जुगाड़ से बनी इस कार को कमतर नहीं बोला जा सकता क्योंकि यह कार न केवल आगे जाती है बल्कि बैक गियर में भी काम करती है. बच्चों के साथ-साथ बड़े भी इस देसी जुगाड़ से बनी बैटरी वाली कार पर सफर कर रहे हैं जो आजकल बड़कागांव में सुर्खियां बटोर रहा है और अब दूर दूर से लोग इसे देखने आ रहे हैं.
इलाके के लोगों का मानना है की यदि अलाउद्दीन उर्फ कल्लू मिस्त्री जैसे प्रतिभावान व्यक्ति को सरकारी सहयोग मिलता है तो वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलौना के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करने में बड़ी कड़ी साबित हो सकते हैं .
कार बनाने वाले अलाउद्दीन उर्फ कल्लू मिस्त्री का भी कहना है कि वे संसाधन की कमी के कारण ही बड़ा कुछ नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन इस बैटरी वाली कार के सफलतापूर्वक कार्य करने से उनका मनोबल बढ़ा है और आगे इससे बड़ी योजना बना रहे हैं.
अलाउद्दीन उर्फ कल्लू मिस्त्री की बैटरी वाली इस कार को देखकर कहा जा सकता है कि हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, अगर अवसर और संसाधन मिले तो दिमाग का पहिया खूब घूमेगा जो सड़कों पर इस कार की शक्ल में सरपट दौड़ता नजर आएगा.