नई दिल्ली: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए एक हजार करोड़ रुपये का फंड जुटाया जाएगा. ये पैसा न तो सरकार देगी न कोई बड़ा घराना. देश के हर घर, हर परिवार से दस-दस रुपये एकत्र कर भव्य मंदिर के लिए विशाल फंड का निर्माण करेंगे. विश्व हिंदू परिषद् के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल ने देश के घर-घर से राम मंदिर के लिए दान जुटाने का प्रस्ताव तैयार किया है जिसे अमली जामा पहनाने के लिए केंद्रीय मार्गदशक मंडल 10 और 11 नवंबर को दिल्ली में बैठक करने जा रहा है.
वीएचपी के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने अमर उजाला को बताया कि दिल्ली के नांगलोई में होने जा रही इस बैठक में राम मंदिर परिसर में बनने वाले हिंदू संस्कृति पर शोध केंद्र, धर्मशाला, भोजनालय के लिए फंड इकट्ठा करने के अलावा महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान, vinod bandधर्मांतरण, गौरक्षा, मठ-मंदिर की सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा होगी. बैठक में करीब 150 संत जुटेंगे और 40 वीएचपी के पदाधिकारी शामिल होंगे. इसके अलावा आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी और श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी सदस्य इसमें मौजूद रहेंगे.
तिवारी ने कहा कि बैठक में राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग राशि जुटाने के कार्यक्रम को लेकर भी चर्चा होगी. कोरोना के प्रकोप को देखते हुए ये कार्यक्रम राज्यवार तय किए जाएंगे. इसमें देशभर के 4 लाख गांव के 11 करोड़ परिवारों से संपर्क किया जाएगा. प्रति व्यक्ति से 10 रुपये और प्रति परिवार से 100 रुपये की सहयोग राशि ली जाएगी. मंदिर निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सभी सत्तापक्ष और विपक्षी सांसदों के अलावा राज्यों के सीएम से भी संपर्क किया जाएगा.
राम मंदिर ट्रस्ट के एक वरिष्ठ सदस्य ने अमर उजाला से कहा, जनवरी से मार्च के बीच एक अभियान शुरू करने पर विचार चल रहा है, लेकिन कोरोना की स्थिति को देखते हुए तारीख बाद में तय की जाएगी. ट्रस्ट की ओर से 10 और 100 रुपये के कूपन तैयार हो चुके है. चंदा जमा करने के लिए देश के हर जिले के लिए एक चार्टेड अकाउंटेंट और क्यूआर कोड भी अलॉट किया गया है. इससे गांव से जमा चंदे को सीधा राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट तक पहुंचाया जाएगा.
वीएचपी प्रवक्ता विनोद बसंल ने कहा, मार्गदशक मंडल की बैठक वीएचपी के सालभर के एजेंडे को तय करती है. इसमें प्रमुख संत ही एजेंडा तय करते है और वे ही फैसले लाते हैं. पिछले वर्ष ये बैठक हरिद्वार में हुई थी.