राँची:- विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० रांची.रमेश कुमार पाण्डेय ने सोमवार को कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन सामान्य जनमानस में उत्साह का संचार करता है. प्रो० पाण्डेय राँची विश्वविद्यालय के अभिनय एवं ललित कला विभाग (Department of Performing and Fine Arts) द्वारा आर्यभट सभागार में आयोजित वसन्त उत्सव के अवसर पर उपस्थित कलाप्रेमियों को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोरोना की कालावधि में इस प्रकार का आयोजन अत्यन्त प्रशंसनीय है.
इस अवसर पर राँची विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति प्रो० कामिनी कुमार ने विभाग की प्रंशसा करते हुए कहा कि विभाग ने अल्प समय में सीमित संसाधनों के बीच उल्लेखनीय कार्य किया है. उन्होंने कहा कि ललित कला मानव जीवन में नवजीवन का संचार करते हैं.
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा० मुकुन्द मेहता ने विभाग की विकास यात्रा के सम्बन्ध बताते हुए विभागीय विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया.
विभाग की निदेशिका डा० नीलिमा पाठक ने कहा कि कला में शिव और शक्ति का समन्वय होता है. इसलिए इसमें मन, शरीर, दृष्टि और वचन सबके अनुशासन की आवश्यकता होती है. विभाग में विद्यार्थी इस अनुशासन के साथ कला का अध्ययन कर रहे हैं.
उत्सव का आरम्भ विश्वविद्यालयीय कुलगीत से हुआ. इसके पश्चात् विभाग की संगीत एवं नृत्य टोलियों ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की. प्रियंका के द्वारा प्रस्तुत भजन ने उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया. जया के द्वारा प्रस्तुत भरतनाट्यम् ने लोगों को आनन्दित किया. इसके पश्चा त् विद्यार्थियों ने वसन्त ऋतु को केन्द्रित नृत्य प्रस्तुत किया. छुमकी राय ने एकल गीत प्रस्तुत किया. नृत्य एवं संगीत टोली के द्वारा प्रस्तुत नारदीय नृत्य अत्यन्त चित्ताकर्षक था. लोक नृत्य ने भी लोगों को आनन्दविभोर कर दिया.
इस अवसर पर ललित कला प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया. इसमें विद्यार्थियों ने अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया.
इस अवसर पर विभागीय विद्यार्थियों रवि प्रकाश तिवारी, शंकर कुमार पाठक, तृषा भाटिया एवं सुपर्णा बरूआ को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कुलपति तथा प्रतिकुलपति के द्वारा पुरस्कृत किया गया.
विभाग की संयोजिका डा० स्मृति सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन डा० शैलेश मिश्र ने किया.