कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम 27 घंटे बाद अचानक कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। पी. चिदंबरम ने यहां पर मीडिया को संबोधित किया। चिदंबरम के साथ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की नींव स्वतंत्रता है, संविधान का सबसे कीमती लेख अनुच्छेद 21 है जो जीवन और स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अगर मुझे जीवन और स्वतंत्रता के बीच चयन करने के लिए कहा जाए, तो मैं स्वतंत्रता का चयन करूंगा।
कांग्रेस मुख्यालय से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पी चिदंबरम ने कहा कि मैं आरोपी नहीं हूं। मेरे खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की है। आज सुनवाई के लिए मेरे केस की लिस्टिंग नहीं हुई है। मुझे और मेरे बेटे कार्ति को फंसाया जा रहा है। लापता रहने की बात पर पी चिदंबरम ने कहा- रात से वकीलों के साथ दस्तावेज तैयार कर रहा था।
पी चिदंबरम ने कहा कि पिछले 24 घंटों में बहुत कुछ हुआ है, जिससे कुछ लोगों को चिंता हुई है और कई को भ्रम हुआ है। INX मीडिया मामले में, मुझ पर किसी भी अपराध का आरोप नहीं लगाया गया है और न ही मेरे परिवार के किसी अन्य सदस्य को। सक्षम अदालत के समक्ष ईडी या सीबीआई द्वारा कोई चार्जशीट दायर नहीं की गई है।
– ईडी की टीम भी पी. चिदंबरम के घर में प्रवेश कर गई है। चिदंबरम के घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं प्रदर्शन कर रहे हैं।
– सीबीआई की टीम पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के जोरबाग स्थित घर पर पहुंची है। CBI के अधिकारी दीवार फांदकर चिदंबरम के घर में दाखिल हुए।
– इस बीच सीबीआई की टीम कांग्रेस दफ्तर से निकलकर पी. चिदंबरम के घर की तरफ रवाना हो गई है।
– कांग्रेस मुख्यालय से निकलकर जोरबाग स्थित अपने घर पहुंचे पी. चिदंबरम। सीबीआई ने इनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।
– वहीं ये भी बताया जा रहा है कि वो कांग्रेस मुख्यालय से प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद रवाना हो गए हैं।
– इस बीच खबर आ रही है कि सीबीआई की टीम कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गई है। ऐसा माना जा रहा है कि किसी भी वक्त चिदंबरम की गिरफ्तारी हो सकती है।
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से चिदंबरम को तगड़ा झटका लगा। कोर्ट ने मंगलवार दोपहर चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके चंद मिनट बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। गिरफ्तारी पर तीन दिन की अंतरिम राहत देने की मांग करते हुए कोर्ट में फिर अर्जी लगाई, लेकिन उस पर भी उन्हें राहत नहीं मिली।
बता दें कि वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) ने दो उपक्रमों को मंजूरी दी थी। आइएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई एफआइपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुई। इसके बाद ईडी ने पिछले साल इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
आइएनएक्स मीडिया केस साल 2007 में आइएनएक्स मीडिया को मिले पैसों के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) से मंजूरी मिलने से जुड़ा हुआ है। 305 करोड़ रुपये के इस हाई प्रोफाइल घोटाले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का भी नाम शामिल है। सीबीआई और ईडी केस में जांच कर रही है कि कैसे पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से आईएनएक्स मीडिया के लिए मंजूरी मिल गई थी, जबकि उस वक्त वित्त मंत्री खुद उनके पिता पी. चिदंबरम थे। सीबीआई और ईडी की जांच में ये पता चला कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिए आईएनएक्स मीडिया के निदेशक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम से मुलाकात की थी, जिससे विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी में कोई देरी ना हो।