रांची(नेतरहाट): डॉ रामदयाल मुंडा जनजातिय कल्याण अनुसंधान केंद्र के द्वारा आयोजित आदिवासी एवं लोक चित्रकारों के प्रथम राष्ट्रीय शिविर में जहां एक ओर चित्रकार अपने कैनवास पर इंद्रधनुषी रंग को रंग रहे हैं. वहीं दूसरी ओर शाम के वक्त लोक कलाकारों के द्वारा लोक गीत गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध किया जा रहा है.
शुक्रवार की शाम नेतरहाट स्थित प्रभात विहार परिसर में एक अलग ही स्फूर्ति लेकर आया था. दिन भर चित्रकारी करने के बाद चित्रकार नागपुरी गानों पर थिरकते नजर आए. पद्मश्री मधु मंसूरी ने अपने नागपुरी गीतों से वहां मौजूद चित्रकारों को झुमाया. गांव छोड़ब नाही जैसे प्रसिद्ध गीत को अपनी आवाज देने वाले पद्मश्री मधु मंसूरी ने नागपुर कर कोरा सहित कई गीत गाए.
बताते चलें कि झारखंड रत्न से सम्मानित मधु मंसूरी को साल 2020 में पद्मश्री से भी नवाजा गया है. नागपुरी गीतों को मुकाम में पहुंचाने में मंसूरी का अहम किरदार रहा है.
मधु मंसूरी के अलावा लोक चित्रकारों ने भी अपने राज्यों के गीतों को गाया. गीतों के माध्यम से अपनी संस्कृति के बारे में लोगों को जानकारी दी.
निर्देशक संग चित्रकार भी थिरके-
14 फरवरी 2020 की शाम प्रभात विहार में गुलजार रही. मधु मंसूरी के गीतों पर डॉ0 रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण अनुसंधान केंद्र के निर्देशक रणेन्द्र कुमार, उप निर्देशक चिंटू दोराइबुरु सहित देशभर के चित्रकारों ने अपने कदमों को थिरकाया.